महंत शंकर पुरी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई बैठक में महंत पुरी ने कहा है कि अन्नपूर्णा माता मंदिर, काशी विश्वनाथ मंदिर से बिल्कुल सटा है। वर्तमान समय में काशी विश्वनाथ धाम के अंतर्गत होने वाले निर्माण में अन्नपूर्णा मंदिर के सामने एक दीवाल उठाई गई है जो कि कहीं से न्यायोचित नहीं है। महंत ने कहा, बनारस के प्रत्येक त्यौहार पर भारी संख्या में दर्शनार्थी बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने आते हैं और लगभग सभी भक्त भगवती मां अन्नपूर्णा का भी दर्शन प्राप्त करना चाहते हैं। ऐेसे ही दीपावली के समय जब माता अन्नपूर्णा का स्वर्णमयी दर्शन होता है, तो बाबा का दर्शन लगभग बंद हो जाता है और लाखों श्रद्धालु केवल माता जी के ही दर्शन कर पाते हैं। आज मंदिर के सामने सरकार ने जितनी जगह दी है वो निश्चित रूप से भविष्य में होने वाले किसी भयंकर घटना को न्यौता दे रही है। मैं काशी की जनता, प्रदेश के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री से निवेदन करता हूं कि एक बार मौका मुआयना करके वास्तविकता से परिचित हों और इस अनैतिक कार्य को रोकने का निर्देशित करें।
बैठक में प्रमुख रूप से महंत महेश पुरी ,दिग्म्बर विवेक भारती, महंत भास्करपुरी (बटुक भैरव), बड़ा गणेश के महंत राजेश तिवारी, कालभैरव से कैलाश दुबे, साक्षी विनायक से रमेश तिवारी, शीतला मंदिर से शिव प्रशाद पांडेय समेत अन्य साधु संत व्यापारी मौजूद रहे।