बीजेपी ने जब सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को मंत्री पद से हटाया था तो उसी समय राज्यमंत्री का स्वतंत्र प्रभार देख रहे अनिल राजभर को ही ओमप्रकाश राजभर को विभाग दिया गया था और अब कैबिनेट मंत्री बना कर ओमप्रकाश राजभर का सारा विभाग सौपा गया है। अनिल राजभर के पिता रामजीत राजभर सपा व बसपा में भी रह चुके हैं इसके बाद बीजेपी के टिकट से धानापुर व चिरईगांव से विधायक बने थे उसके बाद उनके बेटे अनिल राजभर बीजेपी के टिकट से चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे है। चंदौली के सकलडीहा पीजी कॉलेज से छात्रनेता के रुप में अपना राजनीतिक सफर शुरू करने वाले अनिल राजभर सबसे पहले 1994 में छात्रसंघ अध्यक्ष बने थे। इसके बाद वर्ष 2003 में पिता का देहांत हो जाने के बाद उपचुनाव लड़े थे लेकिन सफलता नहीं मिल पायी थी। इसके बाद बीजेपी के टिकट से वर्ष 2017 में शिवपुर विधानसभा से चुनाव जीते थे।
यह भी पढ़े:-लोगों की जा रही नौकरियां, भारत में मंदी पर बोलने से बचती रही वित्त मंत्री ओमप्रकाश राजभर की कमी दूर करने के लिए बीजेपी ने खेला दांवबीजेपी ने राजभर वोटरों के लिए ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा से गठबंधन किया था लेकिन ओमप्रकाश राजभर के बयानों के चलते बीजेपी से उनका गठबंधन टूट गया था। बीजेपी ने राजभर वोटरों को साधने के लिए अनिल राजभर को कैबिनेट मंत्री बनाया है, जिससे राजभर वोटरों में सेंधमारी की जा सके। बताते चले कि जब बीजेपी के साथ ओमप्रकाश राजभर का गठबंधन था तब भी ओमप्रकाश राजभर व अनिल राजभर में एक-दूसरे को पटखनी देने की होड़ मची रहती थी। रैली करके दोनों ही नेता एक-दूसरे को अपनी ताकत दिखाते रहते थे।
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