छठ पर्व पर लाखों श्रद्धालु जलाशयों और नदी घाटों पर इकट्ठा होते हैं, जिससे भारी भीड़ का माहौल बनता है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए, DGP ने पर्याप्त संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती के निर्देश दिए हैं। खासकर घाटों और अन्य प्रमुख स्थलों पर भीड़ नियंत्रण के लिए सिविल ड्रेस में भी पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे।
DGP ने एंटी रोमियो एस्कॉर्ट को भी सक्रिय करने के आदेश दिए हैं ताकि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इसके साथ ही, रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर विशेष ध्यान देने की बात कही गई है, जहां छठ के दौरान यात्रियों की भीड़ बढ़ जाती है। उन्होंने रेलवे और बस अड्डों पर पहले से ही योजना बनाकर पर्याप्त पुलिस बल तैनात करने के निर्देश दिए हैं।
अग्नि सुरक्षा के मद्देनजर, DGP ने यह भी कहा कि घाटों पर आग से बचाव के उपकरणों की व्यवस्था की जाए, क्योंकि त्योहार के उत्सव के दौरान लोग पटाखे जलाते हैं। अग्निशमन सेवाओं की सतर्कता पर भी विशेष जोर दिया गया है ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति से तुरंत निपटा जा सके।
सामाजिक सुरक्षा के लिए, स्थानीय खुफिया यूनिट (लोकल इंटेलीजेंस यूनिट) को भी सक्रिय रहने के निर्देश दिए गए हैं। DGP ने विशेष रूप से समाज विरोधी तत्वों पर नजर रखने की बात कही है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। इसके अलावा, त्योहार के दौरान लगातार फुट पेट्रोलिंग की जाएगी ताकि शहर में सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखी जा सके।
DGP प्रशांत कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों की भी गहन मॉनिटरिंग की आवश्यकता पर जोर दिया है। इससे अफवाहों और भ्रामक सूचनाओं के फैलाव पर कड़ी नजर रखी जा सकेगी और समय रहते उचित कदम उठाए जा सकेंगे। सोशल मीडिया मॉनिटरिंग से प्रशासन को फेक न्यूज़ और संभावित सुरक्षा खतरों से निपटने में मदद मिलेगी।
DGP के इन निर्देशों का उद्देश्य एक व्यापक सुरक्षा कवच तैयार करना है जिससे न केवल श्रद्धालु बल्कि आम जनता भी सुरक्षित महसूस कर सके। छठ पूजा जैसे बड़े आयोजन में सुरक्षा व्यवस्था की चुस्त-दुरुस्ती लोगों के विश्वास और सहयोग के साथ एक सुरक्षित माहौल तैयार करने में सहायक होगी।