Swachh Peyjal: सोनभद्र के धंधरौल बांध पर तैरता इंटेक वेल: 1.43 लाख ग्रामीणों की बुझा रहा प्यास
Swachh Peyjal: सोनभद्र के धंधरौल बांध पर बना तैरता इंटेक वेल जल जीवन मिशन के अंतर्गत 1 लाख 43 हजार से अधिक ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल मुहैया करवा रहा है। इस आधुनिक तकनीक ने न केवल पानी की समस्या हल की है बल्कि क्षेत्र के भूजल स्तर में कमी के चलते पानी के लिए संघर्ष कर रहे ग्रामीणों की जरूरतों को भी पूरा किया है।
Swachh Peyjal: सोनभद्र का धंधरौल बांध अब न सिर्फ जलस्रोत के रूप में जाना जाता है, बल्कि यह अपनी अनोखी तैरती हुई इंटेक तकनीक के कारण भी चर्चा में है। जल जीवन मिशन के अंतर्गत, धंधरौल बांध पर बना यह तैरता इंटेक वेल 205 गांवों के 23,779 ग्रामीण परिवारों तक स्वच्छ पेयजल पहुंचा रहा है। यह प्रणाली एक आधुनिक समाधान है, जहां इंटेक से जुड़े पाइप फ्लोटर की मदद से बांध में तैरते हुए रॉ-वाटर को वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट तक ले जाया जाता है, जो बाद में विभिन्न पानी टंकियों के माध्यम से ग्रामीणों तक पहुंचाया जाता है।
धंधरौल बांध पर तैरते इंटेक की विशेषता: धंधरौल बांध पर तैरता इंटेक वेल इस क्षेत्र की पानी की समस्या के समाधान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। परंपरागत इंटेक वेल की जगह यह फ्लोटिंग सिस्टम भूजल स्तर की कमी के चलते अधिक उपयोगी साबित हो रहा है। यह इंटेक सिस्टम जल की सतह पर तैरता रहता है, और इसे आवश्यकतानुसार जलस्रोत के विभिन्न हिस्सों में स्थानांतरित किया जा सकता है। यह संरचना कम खर्चीली है और इसके रखरखाव में भी ज्यादा लागत नहीं आती।
तकनीकी चुनौतियों का समाधान: सोनभद्र का 50 प्रतिशत हिस्सा पहाड़ी और पथरीला है, जिसके कारण यहां भूजल स्तर में कमी और पानी की गुणवत्ता की समस्या हमेशा बनी रहती थी। पारंपरिक इंटेक वेल बनाने में अत्यधिक समय और लागत की आवश्यकता थी, साथ ही पथरीली भूमि के कारण इंटेक वेल के निर्माण में कठिनाई होती थी। इन सभी चुनौतियों को देखते हुए फ्लोटिंग इंटेक सिस्टम को अपनाया गया, जिसने न केवल पानी की समस्या का समाधान किया बल्कि जलापूर्ति की प्रक्रिया को भी सरल बना दिया।
फ्लोटिंग इंटेक सिस्टम की खूबियां: यह सिस्टम पानी की सतह पर तैरता रहता है, जिससे इसे जल की अधिक उपलब्धता वाले स्थानों पर आसानी से स्थानांतरित किया जा सकता है। इस प्रणाली के माध्यम से सतही जल को बिना किसी गुणवत्ता हानि के स्थायी रूप से प्राप्त किया जा सकता है, चाहे जलस्तर कितना भी हो। इसका रखरखाव सस्ता और आसान होता है क्योंकि पारंपरिक खुदाई की आवश्यकता नहीं होती।
जल जीवन मिशन की सफलता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत हर घर जल पहुंचाने का सपना सोनभद्र जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में अब साकार हो रहा है। यहां कभी पानी की कमी और जलजनित बीमारियां एक बड़ी समस्या थी, लेकिन अब तैरते इंटेक सिस्टम जैसी आधुनिक तकनीक ने इन चुनौतियों का समाधान कर दिया है। अब ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल पहुंचने से बीमारियों में कमी आई है और लोगों का स्वास्थ्य बेहतर हो रहा है।
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