Electricity Theft: पूर्व राज्यमंत्री अकीलुर्रहमान खां के बेटे पर बिजली चोरी का FIR, सपा नेता की छवि को लगा झटका
हालांकि अन्य सरकारी महकमे अभी प्रदूषण रोकथाम के प्रयासों में सुस्त नजर आ रहे हैं। फिर भी बोर्ड ने संवेदनशील क्षेत्रों को चिह्नित करने के लिए दो टीमों को मैदान में उतारा है। इन टीमों का मकसद है वायु प्रदूषण के हॉट स्पॉट्स की पहचान करना और प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों व निर्माण स्थलों पर सख्त निगरानी रखना।एक्यूआई में लखनऊ और दिल्ली की तुलना
पिछले एक सप्ताह के दौरान लखनऊ की हवा की गुणवत्ता संतुलित बनी हुई थी, जबकि दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 350 से 400 के बीच पहुंच गया था, जो “अत्यंत खराब” श्रेणी में आता है। वहीं, लखनऊ का AQI 200 से नीचे रहा, जो अपेक्षाकृत संतोषजनक स्थिति में था। हालांकि, रविवार से लखनऊ के कुछ इलाकों में हवा की गुणवत्ता बिगड़नी शुरू हो गई।महापौर सुषमा खर्कवाल ने महिला पार्षद कक्ष का निरीक्षण किया, पुरुष ठेकेदारों की मौजूदगी पर जताई नाराज़गी
विशेष रूप से तालकटोरा क्षेत्र का AQI 200 को पार कर गया, जो “खराब” श्रेणी में आता है। तालकटोरा इंडस्ट्रियल एरिया में प्रदूषण की बढ़ती समस्या को देखते हुए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने निरीक्षण किया। बोर्ड के लखनऊ मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी, डॉ. उमेश चंद्र शुक्ला की अगुवाई में टीम ने औद्योगिक क्षेत्रों की जांच की और कई उद्योगों को कड़ी चेतावनी जारी की। उद्योगों को निर्देश दिया गया कि वे वायु प्रदूषण नियंत्रण मानकों का सख्ती से पालन करें, वरना उन पर भारी जुर्माना और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।प्रमुख स्थानों का AQI (वायु गुणवत्ता सूचकांक)
क्षेत्र AQI श्रेणी तालकटोरा 202 खराबलालबाग 156 मध्यम
गोमती नगर 134 मध्यम
अंबेडकर विश्वविद्यालय 104 मध्यम
कुकरैल 87 संतोषजनक
प्रदूषण रोकने के लिए जारी किए गए निर्देश
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए नगर निगम, एलडीए (लखनऊ विकास प्राधिकरण), नगर पालिका और अन्य निर्माण कार्यों से जुड़े विभागों को निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों में मुख्य रूप से निर्माण स्थलों पर वायु प्रदूषण की रोकथाम के उपाय और वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण पर कड़ी निगरानी शामिल है।डॉ. उमेश चंद्र शुक्ला ने की सख्त कार्रवाई की चेतावनी
तालकटोरा क्षेत्र का निरीक्षण करने के बाद, डॉ. उमेश चंद्र शुक्ला ने बताया कि सोमवार से लखनऊ के विभिन्न निर्माण स्थलों का गहन निरीक्षण शुरू किया जाएगा। जिन भी स्थानों पर वायु प्रदूषण फैलाने की गतिविधियां पाई जाती हैं, वहां तुरंत कार्रवाई की जाएगी। अगर किसी उद्योग या निर्माण साइट पर प्रदूषण फैलता पाया गया, तो उन्हें भारी आर्थिक दंड के साथ ही कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।UP Weather: लखनऊ में ठंड की दस्तक: बंद हुए कूलर-AC, सुबह-शाम सर्द हवाओं ने बढ़ाई ठिठुरन
इसके अलावा, निर्माण स्थलों पर ग्रीन नेट कवर और निर्माण सामग्री को ढककर रखने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। खुले में कूड़ा जलाने, कृषि अपशिष्ट (पराली) जलाने, और रेस्टोरेंट्स में कोयला या लकड़ी के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया गया है।वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) कैसे निर्धारित होता है?
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) हवा की गुणवत्ता को मापने का एक मानक है, जो बताता है कि हवा में PM10, PM2.5, और अन्य हानिकारक गैसों की कितनी मात्रा मौजूद है। AQI को छह श्रेणियों में बांटा गया है, जो हवा की गुणवत्ता के आधार पर बदलती हैं। जैसे-जैसे हवा की गुणवत्ता खराब होती जाती है, AQI का स्कोर बढ़ता जाता है और यह “अच्छी” से “गंभीर” श्रेणी तक पहुंच सकता है।योगी सरकार राज्य कर्मचारियों दीपावली से पहले देगी बंपर बोनस और वेतन
AQI श्रेणी गुणवत्ता0-50 बहुत अच्छी
51-100 अच्छी
101-200 संतोषजनक
201-300 खराब
301-400 अत्यंत खराब
401 से अधिक गंभीर