वहीं, दूसरे नंबर पर
मिर्जापुर का विंध्याचल और तीसरे पायदान पर मिर्जापुर का ही अष्टभुजा मंदिर रहा। इसके साथ ही संत रविदास नगर (भदोही) में स्थित सीतामढ़ी चौथे नंबर और प्राकृतिक सौंदर्य से भरा सोनभद्र पांचवें स्थान पर रहा।
वाराणसी के पड़ोसी जिलों में पहुंच रहे हैं पर्यटक
पर्यटन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर राजेंद्र कुमार रावत ने बताया कि वाराणसी में हुए विकास कार्यों, मूलभूत ढांचों में सुधार, दूसरे शहरों से बेहतर कनेक्टिविटी, सुगमता और सुरक्षा ने यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ा दी है। वाराणसी के पड़ोसी जिलों के पर्यटन और धार्मिक स्थलों के विकास के काम ने पर्यटकों का रुझान बढ़ाया है। वाराणसी के आसपास 100 से 200 किलोमीटर की यात्रा पर्यटकों के लिए काफी आसान हो गई है। वाराणसी आने वाले पर्यटकों को संत रविदास नगर (भदोही), मिर्ज़ापुर, सोनभद्र के धार्मिक स्थलों, जलप्रपात और प्राकृतिक सौंदर्य वाले स्थल खूब भा रहे हैं। साल 2023 में इतने पर्यटक पहुंचे बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी
साल 2023 में वाराणसी और आसपास के पांच डेस्टिनेशन में कुल पर्यटकों की संख्या की बात करें तो यह वाराणसी में 8 करोड़ 54 लाख 73 हजार 633 रही। जबकि, विंध्याचल में 72 लाख 97 हजार 800, अष्टभुजा में 42 लाख 35 हजार 770, सीतामढ़ी में 25 लाख 41 हजार 80 और
सोनभद्र में 22 लाख 26 हजार 310 पर्यटक पहुंचे।
वाराणसी पहुंचने के लिए है बेहतर कनेक्टिविटी
महादेव की नगरी ‘काशी’ में भ्रमण के लिए आने वाले पर्यटक बाबा विश्वनाथ मंदिर में बगैर मत्था टेके आगे नहीं बढ़ते हैं। यहीं प्राचीन शिवालयों को देखते हुए पर्यटक काशी की तंग गलियों में भी घूमते हैं। मंदिर से निकलने के बाद पर्यटक गंगा घाटों की ओर निकल पड़ते हैं। भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ में देश- विदेश से पर्यटक पहुंचते हैं। वाराणसी पहुंचने के लिए हवाई, रेल और सड़क तीनों माध्यम से बेहतर कनेक्टिविटी है।