ये है मामला
दरअसल आदिवासी महिला (Tribal Woman) अपने पति के साथ काम की तलाश में
उज्जैन आई थी। वह डिंडोरी से मजदूरी करने आई थी। पति-पत्नी को काम की तलाश में भटकते देख मुख्य आरोपी ने महिला का फायदा उठाया। उसने साथी के साथ मौका पाते ही गैंगरेप की वारदात (Gang rape) को अंजाम दिया। महिला अपनी जान बचाने के लिए करीब डेढ़ किमी तक अर्द्धनग्न हालत में भागती रही। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आदिवासी पीड़िता स्थानीय भाषा नहीं जानती थी।
काम का लालच देकर बनाया शिकार
जानकारी के मुताबिक पीड़िता आदिवासी महिला है। वह पति के साथ काम की तलाश में
डिडोंरी से पहले इंदौर गई, फिर वहां से
मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन पहुंची। दोनों काम की तलाश में इंदिरा नगर चौराहे पर पहुंचे थे। इस बीच आरोपी रवि वहां से बाइक से गुजर रहा था। तभी उसने पति-पत्नी को देखा और रुक गया। फिर दोनों से कुछ बातचीत की।
उसके बाद उसने दोनों को काम का लालच दिया। काम की बात सुनकर पति-पत्नी बिना कुछ सोचे-समझे उसके साथ चल दिए। वह उन्हें अपने साथ ताजपुर के पास एक खेत में ले गया। यहां बनी एक झोपड़ी की ओर इशारा कर उसने महिला को झोपड़ी की सफाई करने को कहा। इसके बाद सामान दिलाने के बहाने उसके पति को अपने साथ बाहर ले गया।
खदान पर काम कर रहे मजदूरों ने बचाई जान
दोनों के जाते ही इमरान नाम का शख्स महिला के पास पहुंच गया। यहां उसने महिला के साथ ज्यादती की। थोड़ी देर बाद रवि भी महिला के पति को
उज्जैन (Ujjain) में छोड़कर वापस ताजपुर आ गया। फिर उसने भी महिला के साथ रेप किया। इस बीच महिला जैसे-तैसे रात को उनके चंगुल से छूटकर भागी। आधी रात को आदिवासी महिला करीब डेढ़ किमी तक अर्द्धनग्न हालत में भागती रही। यहां एक खदान पर कुछ मजदूरों ने उसे देखा और उसकी जान बचाई। इन मजदूरों ने ही पुलिस को मामले की जानकारी दी। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर मामले की जांच शुरू कर दी है।