209 करोड़ के खर्च से बनेगा रोप वे
इसके लिए क्षेत्र के मौजूदा मार्गों को 12 से 24 मीटर चौड़ा किया जा रहा है। नए मार्ग बनाए जा रहे हैं। रेलवे स्टेशन के पास से सीधे महाकाल मंदिर तक जाने के लिए रोप-वे सुविधा के लिए केंद्र सरकार ने 209 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। उज्जैन तक हवाई यात्रा की सुविधा के लिए देवास रोड स्थित हवाई पट्टी को भी विकसित करने की योजना है।
प्लान स्वीकृत होते ही शुरू हो जाएंगे विकास कार्य
केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय से जुड़ी अर्बन मास ट्रांजिट कंपनी ट्रैफिक प्लान बना रही है। इस प्लान के स्वीकृत होने पर पुल, चौराहे, अंडर पास और फ्लाईओवर का निर्माण भी किया जाएगा। महाकाल मंदिर जाने वाले हरिफाटक पुल की चारों भुजाओं का चौड़ीकरण होगा। उज्जैन तक हवाई यात्रा की सुविधा के लिए देवास रोड स्थित हवाई पट्टी को भी विकसित करने की योजना है।
अब दोगुनी हो जाएगी पर्यटकों की संख्या
सरकार और उज्जैन स्मार्ट सिटी कंपनी का मानना है कि श्री महाकाल लोक देश को समर्पित किए जाने के बाद उज्जैन में पर्यटकों की सख्या अब दोगुनी हो जाएगी। लगभग तीन करोड़ लोग हर साल उज्जैन आएंगे।
15 साल में आबादी भी होगी 10 लाख के पार
अगले 15 साल में उज्जैन शहर की आबादी सात लाख से बढ़कर 10 लाख के पार चली जाएगी। इस लिहाज से भी उज्जैन शहर के आठ बाहरी मार्गों, 16 प्रमुख चौराहों सहित महाकालेश्वर मंदिर के नवविस्तारित क्षेत्र में मार्गों को चौड़ा किया जाना जरूरी है। कार्य की शुरुआत अभी से कर दी गई है। शुरुआत में अहिल्याबाई मार्ग से जुड़े भारत माता मंदिर पहुंच मार्ग और चारधाम मंदिर पहुंच मार्ग को चौड़ा किया जा रहा है। इन मार्गों को पुरातन स्वरूप में बनाया जा रहा है।
अब 47 हेक्टेयर का हो जाएगा महाकाल लोक परिसर
उज्जैन स्मार्ट सिटी कंपनी का कहना है कि ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर परिसर का क्षेत्रफल 2.82 हेक्टेयर से बढ़कर 47 हेक्टेयर में हो जाएगा। आठ महीनों में महाकालेश्वर मंदिर, शक्तिपीठ हरसिद्धि मंदिर और मोक्षदायिनी शिप्रा नदी का किनारा रामघाट श्री महाकाल लोक में ही शामिल कर लिया जाएगा। इसका उद्देश्य यह है कि श्रद्धालु पहले रामघाट आएं, फिर हरसिद्धि और महाकालेश्वर मंदिर दर्शन करने आएं।
सिंहस्थ-2028 में होगी सुविधा
प्रशासन का अनुमान है कि महाकुंभ सिंहस्थ-2028 में 10 करोड़ से अधिक लोगों के आने का अनुमान लगाया गया है। महाकालेश्वर मंदिर पहुंच मार्ग चौड़ा किए जाने और नए वैकल्पिक मार्ग तैयार किए जाने से उस वक्त भीड़ प्रबंधन में प्रशासन को मदद मिलेगी। अगले वर्ष महाशिवरात्रि, नागपंचमी पर भी श्रद्धालु सुलभता से दर्शन कर सकेंगे।