शिप्रा नदी सिंहस्थ 2028 से पहले एक नए स्वरूप में दिखाई देगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शिप्रा नदी पर बनने वाले 29.215 किमी लंबे घाट के लिए 778.91 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की है। इस राशि से शनि मंदिर से नागदा बायपास तक के 14.50 किमी तक नदी के दोनों किनारों पर सीमेंट कांक्रीट से पक्के घाट बनाए जाएंगे। इस प्रकार दोनों तट मिलाकर कुल 29 किमी लंबे घाट बनेंगे।
शनि मंदिर से वी.आई.पी. घाट तक 1500 मीटर, वी.आई.पी. घाट से जीवनखेड़ी ब्रिज तक 7175 मीटर, जीवनखेड़ी ब्रिज से वाकणकर ब्रिज तक 3810, वाकणकर ब्रिज से गऊघाट स्टॉपडेम तक 2938 मीटर, चक्रतीर्थ से ऋणमुक्तेश्वर ब्रिज तक 1590 मीटर, भर्तृहरि गुफा और सिद्धवट से नागदा बायपास तक 11442 मीटर तक का घाट बनेगा। इसके अलावा शनि मंदिर से गोठडा बैराज तक 760 मीटर लंबे घाट बनाए जाएंगे।
यह भी पढ़ें: एमपी में खत्म हुआ रजिस्ट्री का फर्जीवाड़ा, दो लोगों को नहीं बेच सकेंगे जमीन, मकान या प्लॉट जलसंसाधन विभाग के एसडीओ योगेश सेवक का कहना है जब नदी के दोनों ओर पक्के घाट हो जाएंगे तो इसका स्वरूप ही अलग दिखाई देगा। घाट बनने से नदी किसी रिवर फ्रंट की तरह दिखाई देगी। सिंहस्थ के दौरान नदी किनारे पर अखाड़ों के कैंप भी लग सकेंगे। घाट निर्माण के लिए टेेंडर जारी किए जा रहे हैं।
जलसंसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री मयंक सिंह के मुताबिक शिप्रा नदी पर 29. किमी लंबे घाट निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति मिल गई है। इसके टेंडर जारी कर रहे हैं। घाट बनने से शिप्रा नए स्वरूप में दिखाई देगी। सिंहस्थ और पर्व विशेष पर ये घाट बेहद उपयोगी साबित होंगे।
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स्वच्छ और प्रवाहमान शिप्राबता दें कि शिप्रा नदी पर दो ओर बड़ी योजनाओं पर काम चल रहा है। इसमें 919.94 करोड़ से कान्ह क्लोज्ड डक्ट योजना परियोजना में कान्ह का प्रदूषित पानी शिप्रा में मिलने से रुकेगा। इससे शिप्रा स्वच्छ होगी, वहीं शिप्रा को प्रवाहमान व स्वच्छ पानी के लिए 473 करोड़ से सेवरखेड़ी से सिलारखेड़ी जलाशय तक पाइप लाइन बिछाई जाएगी। इससे 51 मि.घ.मी. पानी सिलारखेड़ी तालाब भेजा जाएगा, वहां से पानी शिप्रा में आएगा।
ऐसे बनेंगे शिप्रा पर घाट - घाट पर दो लैंडिंग व बीच में चढ़ाव रहेंगे। ऊपर की लैंडिंग 5 मीटर की तो नीचे की करीब 6 मीटर की रहेगी।
- नदी तल पर पक्का फाउंडेशन भी रहेगा। यह फाउंडेशन 4.50 से 5 मीटर के बीच का होगा।
- नदी पर निर्मित घाट की चौड़ाई करीब 15.50 मीटर रहेगी।
- घाट पर पूजा के लिए कोणीय चबूतरे भी बनाए जाएंगे।
घाट बनने से यह फायदा - शिप्रा नदी के किनारे साफ-सुथरे दिखाई देंगे। यहां लगातार सफाई हो सकेगी।
- नदी के किनारे आने वाले अन्य धार्मिक स्थल पर भी घाट होंगे।
- श्रद्धालु नदी के एक लंबे हिस्से में पूजा-अर्चना के साथ नहान कर सकेंगे।
- नदी किनारे घाट बनने से इसके आसपास के क्षेत्र को साबरमती रिवर फ्रंट कॉरिडोर के तरह विकसित किया जा सकेगा।
- सिंहस्थ के दौरान नदी किनारे एक लंबे हिस्से अखाड़े व अन्य सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
एक नजर में योजनाशिप्रा नदी के दोनों ओर 14.50-14.50 किमी के बनेंगे घाट
शनि मंदिर से नागदा बायपास तक घाट निर्माण
दोनों तट मिलाकर कुल 29 किमी लंबे घाट बनेंगे
घाट होंगे 15.50 मीटर चौड़े
घाट बनने से निखरेगा स्वरूप
रिवर फ्रंट कॉरिडोर की तरह दिखाई देंगे
778.91 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत
जल्द जारी होंगे टेंडर