इनमें भस्म आरती दर्शन से लेकर चलित भस्म आरती दर्शन, महाकालेश्वर दर्शन के लिए एंट्री और एक्जिट करने और पार्किंग की व्यवस्था भी शामिल है। वहीं कांवड़ियों के दर्शन और जल चढ़ाने को लेकर भी महाकाल मंदिर समिति ने गाइड लाइन जारी की है।
बिना सूचना के आने वाले कांवड़ियों को लगना होगा लाइन में
सावन की रिमझिम फुहारों में हजारों किलो मीटर की पैदल यात्रा करके भोले बाबा का गुणगान और जयकारे लगाते हुए कावड़ यात्रियों के जत्थे
उज्जैन महाकाल मंदिर आने शुरू होंगे। महाकाल मंदिर प्रबंध समिति ने कावड़ यात्रियों के दर्शन और जल अर्पण की व्यवस्था और दिन तक तय कर दिए गए हैं। बिन किसी पूर्व सूचना के आने वाले कांवड़ यात्रियों को सामान्य दर्शनार्थियों की कतार में लगकर दर्शन और जल अर्पण करना होगा।
जानें कहां से मिलेगी एंट्री
भस्म आरती की दर्शन
श्रावण-भादौ मास में अनुमति प्राप्त श्रद्धालुओं का मानसरोवर भवन एवं गेट नंबर 01 से मिलेगी एंट्री। चलित भस्म आरती दर्शन
अवंतिका द्वार से चलित दर्शन की व्यवस्था रहेगी, इस दौरान श्रद्धालु कार्तिकेय मण्डपम् की अंतिम तीन पंक्तियों से चलित भस्म आरती दर्शन कर सकेंगे।
वीवीआइपी की दर्शन व्यवस्था
वीवीआइपी श्रद्धालु नीलकण्ठ मार्ग से होते सत्कार कक्ष में पहुंचेंगे। निर्माल्य द्वार से मंदिर में प्रवेश कर सूर्यमुखी द्वार के रास्ते नगाड़ा गेट से नंदी हॉल, गणेश मण्डपम् के प्रथम बैरिकेट से दर्शन करेंगे फिर पुन: इसी मार्ग से बाहर प्रस्थान करेंगे।