पत्रिका से चर्चा में वह बोले- धार्मिक मंच से कथा-प्रवचनों के दौरान अल्लाह हू अकबर का नारा बुलंद करने तथा खुद को भगवान कहने वाले कथाकारों को कुंभ-सिंहस्थ में एंट्री नहीं देंगे। उन्हें जमीन नहीं दी जाएगी।
उज्जैन में कथाकार भगवान बापू को महामंडलेश्वर पद पट्टाभिषेक में पहुंचे रवींद्र पुरी महाराज ने नाराजगी जताते हुए कहा, आजकल ऐसा ट्रेंड चला है कि हर कोई अपने आपको उपासक-पुजारी नहीं, भगवान कह रहा है। खुद को ब्रह्मा, विष्णु, महेश और राम कह रहा है।
ऐसे लोगों पर कार्रवाई अतिआवश्यक है। प्रयागराज कुंभ, सिंहस्थ में ऐसे लोगों को भूमि उपलब्ध नहीं कराई जाएगी। तीन अखाड़ों ने 112 संतों को नोटिस भी दिया है। बता दें, कि प्रयागराज में महाकुंभ 2025 में होगा।
मध्य प्रदेश के उज्जैन में 4 साल बाद 2028 में सिंहस्थ होना है। उन्होंने कहा, सनातन संस्कृति के विरोध में जो जाएगा, उस पर भी कार्रवाई होगी। मंच से अल्लाह हू अकबर कहना, नमाज पढऩा जैसी बातें उचित नहीं है। ऐसे संतों को चिह्नित करेंगे, जो सनातन के विरुद्ध कार्य कर रहे हैं।
मंदाकिनी को कर चुके निष्कासित
रवींद्र पुरी महाराज ने पूर्व में भी महामंडलेश्वरों को निष्कासित किया है। दो महीने पहले उज्जैन की महामंडलेश्वर मंदाकिनी देवी को निष्कासित किया है। 112 संतों को नोटिस पर वह बोले, सभी अखाड़ों की अपनी व्यवस्था है। अखाड़े से संबंधित संत के गलती करने पर अखाड़ों ने नोटिस जारी किया और वही कार्रवाई भी करेंगे। जूना अखाड़े ने 54, श्री निरंजनी अखाड़े ने 24 और निर्मोही अणि अखाड़े ने 34 संतों को नोटिस थमाया है। संतों ने 30 सितंबर तक संतोषजनक जवाब नहीं दिया, तो प्रयागराज महाकुंभ-2025 में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
अखाड़े में आचार संहिता कर दी लागू
रवींद्र पुरी महाराज ने कहा कि अखाड़े से जुड़े संतों में संयम और मर्यादा का पालन नहीं किया जाता है, इसके लिए हमने आचार संहिता बनाई है। इसके तहत सभी अखाड़े महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर, महंत, श्रीमहंतों की कार्यप्रणाली की गोपनीय जांच करेंगे। जांच अखाड़े के पदाधिकारी करेंगे और उसकी रिपोर्ट हमें सौंपेंगे। इसमें उनका रहन-सहन, कार्यप्रणाली, किस प्रकार के लोगों से संबंध है, यह सब देखा जाएगा। अपेक्षा अनुरूप कार्यप्रणाली न मिलने पर नोटिस देकर जवाब मांगा जाएगा।