Pandit Pradeep Mishra: प्रसिद्ध शिव महापुराण वक्ता पं. प्रदीप मिश्रा की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। राधारानी पर दिए पं. प्रदीप मिश्रा के बयान से संत प्रेमानंद महाराज की नाराजगी के बाद कई साधु-संतों की नाराजगी सामने आई है। अब भगवान श्रीकृष्ण के गुरु सांदीपनि मुनि के वंशज भी उनसे नाराज हो गए हैं। उनका कहना है कि पं. प्रदीप मिश्रा शास्त्रों का अध्ययन किए बिना भगवान और महापुरुषों पर टिप्पणी कर देते हैं। राधाजी पर उनका बयान घोर अपराध की श्रेणी में आता है। उन्हें अपनी गलती माननी चाहिए और साधु-संतों से माफी मांगनी चाहिए।’
ये कहना है उज्जैन के गुरु सांदीपनि के वंशज पं. रूपम व्यास का। उन्होंने कहा कि पं. प्रदीप मिश्रा को साधु-संतों से नाक रगड़ कर माफी मांगनी चाहिए। चौरासी कोस की साष्टांग परिक्रमा लगाना चाहिए। अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया, तो सांदीपनि आश्रम (Sandipani Ashram) में उनके प्रवेश पर रोक भी लगाई जा सकती है।
जानें और क्या बोले सांदीपनि वंशज
बता दें कि सांदीपनि वंशज पं. रूपम व्यास (Sandipani Vanshaj Pandit Rupam Vyas) भी पं.प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) राधारानी पर विवादित बयान से आहत हुए हैं। उनका कहना है आज तक उन्होंने मूल शिव महापुराण नहीं सुनाई। वे कथा में रावण संहिता और लाल किताब के टोने-टोटके भक्तों को बताते हैं। यह पहला मौका नहीं है जब उन्होंने राधा रानी के संबंध में अनर्गल बात कही है। इससे पहले भी वे विवादों में रहे हैं। व्यासपीठ से ऐसी बातें करना सनातन धर्म का अपमान है।
गलती स्वीकार करें और मांगे माफी
गुरु सांदीपनि के वंशज पं. रूपम व्यास ने आगे कहा कि उन्हें (Pandit Pradeep Mishra) अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए। संतश्री प्रेमानंदजी महाराज (Premanand ji Maharaj) सहित अन्य साधु-संतों से माफी मांगना चाहिए। इसके साथ ही ब्रज भूमि की चौरासी कोस षाष्टांग परिक्रमा करना चाहिए।