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महाकाल मंदिर: दर्शन के नाम पर श्रद्धालु होते रहते हैं भ्रमित

सशुल्क और नि:शुल्क व्यवस्था की उलझन में होना पड़ता है परेशान

उज्जैनDec 13, 2021 / 08:11 pm

Hitendra Sharma

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उज्जैन. भगवान महाकाल के दर्शन करना अब उतने सुलभ नहीं हैं, जितने पहले थे। अब कदम-कदम पर सशुल्क व्यवस्था के कारण कई लोग दर्शन करने से वंचित रह जाते आधे हैं। वहीं बाहर से आने न्‍ह सह जब वाले दर्शनार्थियों को जे यहां की व्यवस्थाओं के बारे में उतना पता ही नहीं रहता है, तो वे इधर-उधर होटलों या ऑटो वालों तथा हार-फूल वालों के संपर्क में आते हैं और बेवजह ठगा जाते हैं।

भगवान महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड॒ उमड़ रही है। दूरवराज शहरों से दर्शन के लिए लोग आने लगे हैं। क्रिसमस ओर वर्ष के आखिरी माह में लोग छुट्टियां बिताने निकले हैं। लेकिन महाकाल मांदिर में आकर वे सशुल्क और निःशुल्क व्यवस्था के प्रपंच में उलझकर रह गए।

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भस्म आरती के लिए किससे संपर्क करें
गुजरात से आए एक कपल ने एक होटल में आकर पूछा कि सुबह वाली आरती में कैसे शामिल होंगे, कुछ बताइए। इस पर होटल वाले ने उन्हें हार-फूल वालों के पास भेज दिया, हार-फूल वालों ने उन्हें ऑटो वालों के बारे में बताया और ऑटो वाले उन्हें होटल ले जाने का कहने लगे। लेकिन उन्होंने सामान्य लाइन में ही लगकर दर्शन करना उचित समझा और भस्म आरती का ख्याल अगली बार आने तक के लिए टाल दिया।

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शीघ्र दर्शन के 250, दर्शन सबको समान
होशंगाबाद से आए एक परिवार का कहना था कि हम चार लोग हैं, सभी ने 250 रुपए की शीघ्र दर्शन टिकट कटाई, क्योंकि भीड़ अधिक थी। हमने सोचा, शॉर्टकट से जाकर जल्दी दर्शन कर लेंगे, भीड़ भी नहीं मिलेगी, लेकिन जब अंदर गए तो बाकी अन्य भी हमारे साथ ही खड़े होकर दर्शन कर रहे थे, तो हमने सोचा कि 250 देने बाद भी दर्शन सबको एक समान ही होते हैं, तो फिर यह राशि क्यों ली गई।

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