श्री महाकाल लोक बनने के बाद कई बार ये मेहमान हमें यहां-वहां घूमते नजर आने लगे हैं। अब उज्जैन का डंका विश्व पटल पर बज रहा है। अन्य प्राचीन मंदिर जैसे कालभैरव, गढ़कालिका, हरसिद्धि सहित अनेक स्थानों पर विदेशी मेहमान अक्सर नजर आते हैं।
देवास गेट बस स्टैंड के समीप होटल संचालक राधेश्याम गुप्ता ने बताया कि इन चार माह में 150 से अधिक विदेशी मेहमान हमारे शहर आए हैं। ट्रैवल संचालक रोहित कुमार का कहना है कि ट्रेनों से एक-दो दिन छोड़कर विदेशी पर्यटक शहर आते हैं। निजी होटल संचालक गोविंदलाल ने बताया पहले सालभर में 50-60 विदेशी आते थे, अब 4 माह 200 से ज्यादा आ चुके हैं।
अब साइंस व हैरिटेज टूरिज्म पर दे रहे जोर
उज्जैन। पूरी दुनिया पर्यटन में जीवन के आनंद के साथ विकास की अपार संभावना देख रही है। यह स्थिति उज्जैन के लिए बड़ा अवसर लेकर आई है, क्योंकि हमारे पास विश्व को आकर्षित करने की चुंबकीय शक्ति है। श्री महाकाल लोक के बाद धार्मिक पर्यटन में आए बड़े बदलाव ने इसे साबित किया है। शहर के पास अभी ऐसे कई प्राकृतिक और ऐतिहासिक अद्वितीय संपत्तियां हैं जिनका उपयोग पर्यटन को बढ़ाने के लिए वर्तमान में ठीक से हुआ ही नहीं है। इन विरासतों का यदि सहेजने के साथ विकसित कर सही तरह से उपयोग किया जाता है तो बहुत कम समय में हम वैश्विक पर्यटन में उल्लेखनीय स्थान पा सकते हैं। जरूरत कुछ नई सोच के साथ प्रयास करने की है।
हमारी नदियां
हमारे पास दो प्रमुख नदियां शिप्रा और गंभीर है। शिप्रा शहर की जीवन रेखा वहीं गंभीर प्यास बुझाने का प्रमुख आधार है। अब तक इनका इसी प्रकार उपयोग हो रहा है।
ऐसा कर सकते हैं
शिप्रा पर रिवर कॉरिडोर बनाकर व विभिन्न इवेंट्स कर पर्यटकों को आकर्षित कर सकते हैं। गंभीर नदी में भी वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटी संभव है।
आसपास
महाकाल के साथ शहर के आसपास कायथा, जैथल के साथ कई ऐतिहासिक स्थल है, जहां आहड़ से लेकर विभिन्न युगों की संस्कृति के साक्ष्य हैं। यह लोगों की जिज्ञासा के विषय हैं।
ऐसा कर सकते हैं
उज्जैन को सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों का केंद्र बनाते हुए हिस्टोरिकल प्लेस कॉरिडोर विकसित हो सकता है। इन स्थानों पर विशेष आयोजन कर पर्यटकों को आकर्षित कर सकते हैं।
मेले-महोत्सव
मेले या अन्य महोत्सव शुरुआत से ही जनता को आकर्षित करते आए हैं। कहीं कार्निवॉल तो कहीं रण उत्सव भी इसी का एक प्रकार है।
ऐसा कर सकते हैं
श्री महाकाल लोक के बाद यह शहर साइंस सिटी और मेडिकल टूरिज्म हब के रूप में पहचाना जाए, ऐसी योजना तैयार की जा रही है। लोग विदेश से यहां आकर अपना इलाज कराएं, अच्छी शिक्षा के लिए कॉलेज खोले जाएंगे, साथ ही साइंस सिटी के तहत विभिन्न संस्थाओं से जुड़े लोगों को और अधिक शिक्षित बनाया जा सकेगा। इसमें होटल मैनेजमेंट आदि कोर्स शामिल रहेंगे। हैरिटेज टूरिज्म में संभावना तलाश रहे हैं।
-डॉ. मोहन यादव, उच्च शिक्षा मंत्री
शहर में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। श्रद्धालुओं और पर्यटकों को अच्छी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। महाकाल एक्सप्रेस, भस्म आरती एक्सप्रेस, ई-बाइक, आदि योजनाएं बनाई हैं। यातायात सुधार के लिए एकांकी मार्ग, अतिक्रमण हटाने जैसे कदम उठाए जा रहे। अन्य धार्मिक स्थलों का भी विकास करेंगे। दीपोत्सव के रूप में ऐसे आयोजन किए जाएंगे, जिसमें देश-विदेश से लोग शामिल हों।
-मुकेश टटवाल, महापौर
सुगम है नगर यात्रा
धार्मिक यात्रा पर आने वाले विदेशी पर्यटकों को यहां तक आने-जाने में काफी सुगमता है। फ्लाइट, ट्रेन या सड़क मार्ग या इंदौर आकर वे टैक्सी किराए पर लेकर किसी से ट्रेवल एजेंसी से करके आसानी से पहुंच सकते हैं। उज्जैन का निकटतम हवाई अड्डा इंदौर है, जो शहर से 60 किमी दूर है।
लुभाता है खानपान
धार्मिक होने से शाकाहारी भोजन मिलता है। हालांकि मांसाहारी वालों के लिए भी यहां विकल्प हैं। विदेशी पर्यटकों को यहां के खाने में पंजाबी और राजस्थानी के साथ ही मालवा के खास भोजन दाल-बाफला खूब पसंद आते हैं। साउथ इंडियन फूड का स्वाद वे खूब लेते हैं।
धार्मिक-ऐतिहासिक स्थल
महाकाल मंदिर के सहित शहर में मंगलनाथ, काल भैरव, चिंतामण गणेश जैसे प्रमुख धार्मिक स्थल हैं। भृतहरि गुफा, वैश्य टेकरी, कालिदायादेह महल, पीर मत्स्येंद्रनाथ व केंद्र संरक्षित विष्णु चतुष्टिका, अंकपात जैसे धार्मिक महत्व वाले ऐतिहासिक स्थल हैं।
ऐसा कर सकते हैं
प्रमुख स्थलों को भी पर्यटन से जोड़ सकते हैं। उक्त प्रमुख स्थानों का विकास और प्रचार-प्रसार करना चाहिए।