महाशिवरात्रि पर विशेष पूजा अर्चना के लिए मंगलवार रात 2.45 बजे मंदिर के पट खुले। इसके बाद पुजारियों ने भगवान महाकाल का पंचामृत अभिषेक पूजन किया। भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की और इसके बाद भोग लगाकर भगवान की आरती की गई। सुबह 5.30 बजे से आम लोगों के लिए बाबा के दर्शन का सिलसिला शुरू कर दिया गया.
महानिशाकाल में मंदिर की परंपरा अनुसार पुजारी महाकाल की महापूजा करेंगे। 2 मार्च को तड़के 4 बजे सवामन फल व फूलों से बना पुष्प मुकुट भगवान के शीश पर सजाया जाएगा। सुबह 6 बजे भगवान को विभिन्न पकवान, फल व सूखे मेवे का महाभोग लगाकर आरती की जाएगी। सुबह 11 बजे भगवान के शीश से मुकुट उतारा जाएगा। दोपहर 12 बजे साल में एक बार दिन में होने वाली भस्मारती होगी। दोपहर 2.30 बजे भोग आरती के साथ महापर्व संपन्न होगा। बुधवार रात 11 बजे यानि 44 घंटे बाद मंदिर के पट बंद होंगे।
02 लाख भक्तों के आने का अनुमान
44 घंटे तक सतत दर्शन
45 मिनट लगेंगे दर्शन करने में
मंगलवार दोपहर 12 बजे तहसील की ओर से शासकीय पूजा
शाम 5 बजे संध्या पूजा
शाम 7 बजे संध्या आरती
रात 12 बजे जिला प्रशासन की ओर से शासकीय पूजा