शहर आए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी धर्मस्थलों तक पहुंचने वाले मार्गों को सिंहस्थ के पहले फोरलेन में तब्दील करने की बात अधिकारियों से कही है। ऐसे में अगले दिनों मंदिरों तक पहुंच मार्ग में जाम जैसी समस्याओं से मुक्ति मिलेगी।
1.50 से 2 लाख लोग पहुंच रहे शहर
महाकाल लोक बनने के बाद शहर में धार्मिक पर्यटन में खासा इजाफा हुआ है। आम दिनों में 1 लाख लोग तो त्योहार विशेष पर 1.50 से 2 लाख लोग शहर पहुंच रहे हैं। धार्मिक यात्रा पर आए लोग महाकाल मंदिर के अलावा शहर के अन्य प्रमुख मंदिरों में भी पहुंचते हैं। इसके चलते अब शहर के अन्य मंदिरों में भी काफी भीड़ रहती है। इनके पहुंच मार्ग पर आए दिन जाम की नौबत लगती है तो सिंगल रोड होने के कारण वाहन भी गुत्थमगुत्था होते हैं। बाहर से आने वाले यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
धर्मस्थलों के मार्ग को फोरलेन में फोकस
लिहाजा इन धर्मस्थलों के मार्ग को चौड़ा कर फोरलेन में तब्दील करने पर फोकस किया गया है। शहर आए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के सामने भी धर्मस्थलों के पहुंच मार्गों को चौड़ा किए जाने की बात उठी थी। इसी के बाद उन्होंने प्रमुख मंदिरों के रास्ते को चौड़ा कर आवश्यकतानुसार फोरलेन में बदलने की बात कही है। अगले दिनों में इन मार्गों के चौड़ीकरण को लेकर प्रस्ताव तैयार होंगे।
इन धर्मस्थलों के मार्ग होंगे फोरलेन
चिंतामण गणेश: शहर के प्रमुख मंदिर चिंतामण गणेश पहुंच मार्ग सिंगल रोड है। मार्ग को चौड़ा कर फोरलेन करने की जरूरत है। कालभैरव: महाकाल मंदिर के बाद सर्वाधिक भीड़ कालभैरव मंदिर में हो रही है। यहां भैरवगढ़ जेल से मंदिर तक का मार्ग सिंगल है। नारायणा: सांदीपनि आश्रम के बाद भगवान कृष्ण से जुड़े नारायणा धाम के मार्ग को भी चौड़ा किए जाने की आवश्यकता है। धार्मिक पर्यटन को बढ़ाने के लिए चौड़ीकरण की जरुरत है। मंगलनाथ मंदिर: मंदिर से सिद्धवट और चककमेड के रास्ते के फोरलेन किए जाने की आवश्यकता है। इसमें चककमेड मार्ग को फोरलेन की स्वीकृति हो गई है । सिद्धवट मार्ग को चौड़ा किया जाना चाहिए।
गढ़ कालिका: मंदिर पहुंच मार्ग को चौड़ा किए जाने की आवश्यकता है। कालभैरव मार्ग से वर्तमान में सिंगल रोड है। शनि मंदिर: इंदौर फोरलेन से जुड़े शनि मंदिर पहुंच मार्ग भी सिंगल रोड है। इसे भी चौड़ा किए जाने की आवश्यकता है।
सिंहस्थ महापर्व में भी रहेगी आसानी
प्रमुख धर्मस्थलों के मार्ग के चौड़े होकर फोरलेन बनाए जाने से सिंहस्थ के दौरान भी यात्रियों को सुविधा मिलेगी। सिंहस्थ में करीब 12 करोड़ लोग आने की संभावना है। ऐसे में धर्मस्थलों तक पहुंच मार्ग का चौड़ा होना आवश्यक है। यह मार्ग फोरलेन बनते हैं तो धर्मस्थल तक आसान पहुंच होगी तो जाम जैसी परेशानियां से भी निजात मिलेगी। सिंहस्थ के मद्देनजर शहर के प्रमुख मार्गों के साथ धार्मिक स्थलों के मार्ग भी चौड़े होने चाहिए। सिंहस्थ महापर्व को ध्यान में रखते हुए कार्ययोजना बनाई जाएगी।- अनिल जैन कालूहेड़ा, विधायक