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उज्जैन

महाकाल के दरबार में सबसे पहले चलेगी फुलझड़ी

श्रीमहाकालेश्वर के दरबार में सबसे पहले दिवाली मनाई जाएगी। भस्मारती के दौरान पुजारी-पुरोहित अनार-चकरी व फुलझड़ी छोड़कर सर्वप्रथम त्योहार व अन्नकूट की शुरुआत करेंगे।

उज्जैनOct 25, 2016 / 08:40 am

Lalit Saxena

First Diwali will be celebrated in mahakal temple

First Diwali will be celebrated in mahakal temple

उज्जैन. देश के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक दक्षिणमुखी श्रीमहाकालेश्वर के दरबार में सबसे पहले दिवाली मनाई जाएगी। राजा के आंगन में भस्मारती के दौरान पुजारी-पुरोहित अनार-चकरी व फुलझड़ी छोड़कर सर्वप्रथम त्योहार व अन्नकूट की शुरुआत करेंगे। इसके बाद शहर के अन्य मंदिरों में अन्नकूट तथा दीपोत्सव मनाया जाएगा। प्रबंध समिति और पंडे-पुजारियों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं।

अन्नकूट महोत्सव
29 अक्टूबर को महाकाल राजा के दरबार में अन्नकूट महोत्सव मनाया जाएगा। तड़के 4 बजे होने वाली भस्म आरती के दौरान बाबा को 56 पकवानों का महाभोग अन्नकूट उत्सव के रूप में लगाया जाएगा। साथ ही यहां परंपरानुसार हर त्योहार की शुरुआत सबसे पहले होती है, इसी कड़ी में दीपोत्सव की शुरुआत की जाएगी। 


First Diwali will be celebrated in mahakal temple

रूप चतुर्दशी पर महाकाल करेंगे अभ्यंग स्नान
रूप चतुर्दशी पर महाकाल का स्वरूप निखारा जाएगा। इसी दिन से गर्म जल से स्नान कराने की परंपरा भी निभाई जाएगी। पुजारी प्रदीप गुरु ने बताया कि कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी 29 अक्टूबर को भस्मारती के दौरान पुजारी परिवार की ओर से राजाधिराज को 56 पकवानों का महाभोग लगाया जाएगा। इसके बाद बाबा का अभ्यंग स्नान होगा। सुबह 6 बजे राजा को शहद, घी, दूध, दही, उबटन, हल्दी, चंदन, केसर, विभिन्न प्रकार के फूलों और फलों के रसों के साथ इत्र आदि सुगंधित द्रव्य पदार्थों से अभ्यंग स्नान होगा। हजारों श्रद्धालु इस स्वरूप के दर्शन करने मंदिर पहुंचेंगे। 

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कुल छह सवारियां निकलेंंगी
कार्तिक-अगहन मास में भगवान महाकालेश्वर प्रजा को छह बार दर्शन देने नगर भ्रमण पर निकलेंगे। पहली सवारी दिवाली के दूसरे दिन 31 अक्टूबर को निकलेगी। श्रावण-भादौ मास की तर्ज पर हर सवारी शाम 4 बजे निकलना शुरू होंगी। एक सवारी वैकुंठ चौदस पर रात 11 बजे निकलेगी, जिसे हरि-हर मिलन कहा जाता है। इस दिन शिव पृथ्वी का भार गोपालजी को सौंपते हैं।

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