चुनाव में प्रत्याशी और मतदाता, दोनों के लिए ही प्रतीक चिह्न का खास महत्व होता है। मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल और अन्य राज्यों के राज्यीय दलों के तो आरक्षित चुनाव चिह्न होते ही हैं, निर्दलीय चुनाव लड़ने वालों के पास अपनी पसंद का आकर्षक चिह्न चुनने के ढेरो विकल्प मौजूद रहते हैं। नगर निगम चुनाव में महापौर और पार्षद पद के निर्दलीय प्रत्याशियों के लिए आयोग ने अलग-अलग चिह्न उपलब्ध करवाए हैं। लगभग यह सभी चिह्न ऐसे हैं, जो सामान्य जीवन में आसानी से नजर में आ जाते हैं।
याद रहे, ऐसा चिह्न करते हैं पसंद
किसी भी निर्वाचन में चुनाव चिह्न प्रत्याशी की पहचान होता है। ऐसे में प्रत्याशी भी चाहते हैं कि उन्हें ऐसा चिह्न मिले, जो लोगों को आकर्षित करे और मतदाता उसे याद रखे। यही कारण है कि अधिकांश प्रत्याशी दैनिक उपयोग में आने वाली सामग्री से संबंधित चुनाव चिह्न को प्राथमिकता में रखते हैं। नियमानुसार एक आवेदक अधिकतम तीन चिह्न पसंद कर सकता है, जिसमें एक उसकी पहली प्राथमिकता व शेष दो विकल्प के रूप में होते हैं। यदि पहली पसंद का चिह्न उसी चुनावी क्षेत्र में किसी अन्य को आवंटित हो चुका है तो फिर विकल्प के दो चिन्ह में एक आवंटित कर दिया जाता है।
22 को आवंटित होंगे चिह्न: सोमवार को सभी नामांकन पत्रों की स्कूटनिंग हो गई है। अब 22 जून तक नाम वापसी का अंतिम समय रहेगा। नाम वापसी का समय समाप्त होने के बाद इसी दिन अभ्यर्थियों की अंतिम सूची जारी कर दी जाएगी व इसी दिन चुनाव चिह्न भी आवंटित किए जाएंगे।
निर्दलीय महापौर प्रत्याशियों के लिए प्रतीक
टेबल पंखा, गुब्बारा, स्लेट, बिजली का स्वीच, कांच का गिलास, रेडियो, खंभे पर ट्यूबलाइट, स्टूूल, गैस बत्ती, रोड रोलर, बस, सिटी, प्रेशर कुकर, बल्लेबाज, मटका, गाड़ी, बैटरी टॉर्च, सूरजमुखी, गेहूं की बाली, सब्जियों की टोकनी, हार, अंगूठी, बैंच, गैस सिलेंडर, पीपल का पत्ता, हारमोनियम, हाथ चक्की, डबल रोटी, मेज, ब्रीफ केस, गैस स्टोव, दरवाजा, ब्रश, बल्ला, वायलिन, बैलन।
निर्दलीय पार्षद प्रत्याशियों के लिए चिह्न
केक, कैमरा, गाजर, कोट, टेंट, चारपाई, सिलाई की मशीन, नाव, स्कूटर, जीप, ब्लैक बोर्ड, टेलीफोन, कप और प्लेट, बरगद का पेड़, लेटर बॉक्स (पत्र पेटी), अलमारी, हॉकी और गेंद, डीजल पंप, दो तलवार और एक ढाल, डोली, फलों सहित नारियल का पेड़, कैंची, बाल्टी, कमीज, फ्रॉक, केटली, लेडीज पर्स, भोंपू, सेब, प्रेस।