सीएम मोहन यादव ने उज्जैन में सिंहस्थ 2028 की तैयारियों के संबंध में मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि रेल और रोड रूट के साथ ही शहर को हवाई रूट से भी जोड़ा जा रहा है। वर्तमान एयरस्ट्रिप यानि हवाई पट्टी को अपग्रेड कर इसे टेक्निकली एयरपोर्ट का रूप दिया जा रहा है। इससे उज्जैन को सालभर हवाई यातायात की सुविधा मिल सकेगी।
यह भी पढ़ें : एमपी सरकार ने 4 प्रतिशत डीए बढ़ाया लेकिन एरियर पर वित्त विभाग का अड़ंगा, कर्मचारियों के लिए बड़ा अपडेट बता दें कि उज्जैन में एयरपोर्ट बनाने का प्रपोजल केंद्र सरकार के द्वारा स्वीकार किया जा चुका है। उज्जैन हवाई पट्टी से एयर टैक्सी का शुभारंभ भी हो चुका है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपने गृह नगर उज्जैन में एयरपोर्ट बनाने के लिए दो साल से कोशिश कर रहे हैं। जब वे शिक्षा मंत्री थे तब तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से एयरपोर्ट के लिए 252 एकड़ जमीन और 200 करोड़ रुपए की मांग की थी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कई बार उज्जैन में एयरपोर्ट बनाने की बात कह चुके हैं।
250 एकड़ जमीन की जरूरत
उज्जैन में हवाई अड्डे के लिए 250 एकड़ जमीन की जरूरत है जबकि दताना- मताना हवाई पट्टी पर 95 एकड़ भूमि उपलब्ध थी। हवाई पट्टी के विस्तार के बाद पहले चरण में यहां से 72 सीटर विमान उड़ान भर सकेंगे। यहां से एयरबस भी चलाई जा सकेगी।