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उल्लेखनीय है कि मारुवास निवासी गीता पत्नी पिंटू गमेती का खून से सना शव जंगल में मिला था। अचानक हुई घटना और किसी व्यक्ति की ओर से पैंथर को नहीं देखे जाने की स्थिति में परिस्थिति को संदिग्ध माना जा रहा था। शुरुआती जांच में वन विभाग ने भी पैंथर का हमला होने से इनकार किया था, लेकिन शुक्रवार को पोस्टमार्टम में इस बात की पुष्टि हुई की पैंथर के हमले से ही महिला की मौत हुई है। क्षेत्रीय वन अधिकारी भैराराम ने बताया कि महिला की मौत पैंथर के हमले से ही हुई है। शव पर बने घाव में नाखून और दांतों के निशान सामने आए। शुक्रवार को तहसीलदार रमेश वडेरा सहित प्रशासनिक प्रतिनिधि पहुंचे। परिवार को मुआवजा राशि देने की कार्रवाई की गई।
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यूं चला घटनाक्रमगीता गमेती पति पिंटू के साथ लकड़ी बीनने जंगल में गई थी। दोनों अलग अलग जगह पर थे। पिंटू घर लौटने लगा, लेकिन गीता काफी देर तक नजर नहीं आई। अनहोनी की आशंका में भयभीत पिंटू जंगल में ही पत्नी की तलाश करने लगा। काफी देर तलाश के बाद गीता का शव जंगल में पड़ा मिला, जो लहूलुहान था। पिंटू ने पहले ही मान लिया था कि गीता पर वन्यजीव ने हमला किया है। वह जैसे तैसे शव को उठाकर आबादी क्षेत्र में लाया और फिर विलाप करने लगा। मौके पर भीड़ जमा हो गई और लोग आक्रोशित होने लगे।