– अभी तक जयपुर-दिल्ली की ट्रेनों का अंतिम स्टॉपेज उदयपुर रहता है, जिनका अहमदाबाद और मुम्बई तक विस्तार हो सकेगा – दक्षिण भारत से अहमदाबाद तक आने वाली ट्रेनों को उदयपुर के साथ ही राजस्थान के अन्य शहरों तक विस्तार मिलेगा
– उदयपुर-राजसमंद-अजमेर का मार्बल दक्षिण भारत तक पहुंचाने में आसानी होगी, जिसे अभी तक सड़क मार्ग से ही भेजा जाता है – चित्तौडग़ढ़-सिरोही सहित अन्य जिलों का सीमेंट उत्पादन भी गुजरात और दक्षिण भारत तक पहुंचाने में काफी आसानी रहेगी
– दक्षिण राजस्थान के प्रमुख धार्मिक स्थल और गुजरात के प्रमुख धार्मिक स्थलों पर रेल यात्रा से धार्मिक पर्यटन में बढ़ोतरी होगी – दक्षिण राजस्थान से रोजगार के लिए गुजरात-महाराष्ट्र के महानगरों की ओर जाने वाले लोगों को आवाजाही में आसानी होगी
– व्यापारिक दृष्टिकोण से वर्तमान में सूरत-अहमदाबाद पर निर्भरता है, महानगरों से राजस्थान में माल परिवहन में आसानी होगी – मूंदड़ा गुजरात से आने वाला यूरिया खाद सीधा उदयपुर पहुंचेगा, जिससे प्रदेश में खाद की आपूर्ति में भी मदद मिलेगी
– गुजरात के कांडला से कोयला, रॉक फास्फेट, विभिन्न कंपनियों के यूरिया और डीएपी खाद आदि मंगवा सकेंगे खेमली कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के डिपो से राजसमंद-उदयपुर की मंडियों का माल सीधा पोर्ट पर पहुंचाया जा सकेगा
धार्मिक पर्यटन बढ़ेगा, नया सर्किट बनेगा गुजरात के श्रद्धालुओं के लिए अभी नाथद्वारा से अहमदाबाद तक एक ट्रेन का संचालन हो रहा है। ट्रेन मावली, चित्तौडग़ढ़, मंदसौर होते हुए चलती है। जल्द ही उदयपुर होकर टे्रनें चलेगी। अहमदाबाद से सोमनाथ के बीच वेरावल एक्सप्रेस का संचालन बढ़ाकर नाथद्वारा तक संभव होगा। जगन्नाथपुरी, रामेश्वरम सहित अन्य धार्मिक स्थल जुड़ेंगे।
प्रतिदिन सुबह 6.30 बजे असारवा से ट्रेन 19704 चलेगी, जो दोपहर 12.30 बजे उदयपुर पहुंचेगी। वहीं उदयपुर से ट्रेन 19703 प्रतिदिन शाम 5 बजे रवाना होगी और रात 11 बजे असारवा पहुंचेगी। उदयपुर से जाने वाली ट्रेन की बुकिंग रविवार को शुरू कर दी गई। पहले दिन दोपहर तक ट्रेन में थर्ड एसी में 3, चेयर कार में 2, स्लीपर में 3 सीटें बुक हुई।