यहां से झंडा हटाकर फेंकने के दौरान विवाद बढ़ गया। यहां राणा पूंजा जयन्ती समारोह समिति के अध्यक्ष व पूर्व पार्षद भैरूलाल मीणा ने बताया कि कुछ बीटीपी कार्यकर्ता यहां पहुंच गए थे। वे बेवजह विरोध कर बहस कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राणा पूंजा की प्रतिमा पर वहीं झंडा लगाया गया, जो हर वर्ष लगाया जाता है, जो लोग यहां विरोध करने आए वह खुद के हिन्दू नहीं होने की बात कह रहे थे। उन्होंने बताया कि झण्डे पर जय मेवाड़ व जय भीलूराणा लिखा हुआ है। वह केसरिया ध्वज है, लेकिन किसी पार्टी का नहीं है। मीणा ने बताया कि कु छ कार्यकर्ताओं ने उन्हें भी जान से मारने की धमकी दी है और उनके कार्यकर्ताओं के साथ धक्का मुक्की की है। उन्होंने भी इसकी रिपोर्ट हिरणमगरी थाने में दी है। मीणा ने बताया कि उनके साथ भील विकास समिति के देवीलाल दाणा भी मौजूद थे।
कुछ देर के लिए पहुंचे थे विधायक विधायक फूलसिंह मीणा भी यहां भीलूराणा की प्रतिमा पर पुष्पहार पहनाने गए थे। लेकिन विवाद उपजने से पहले ही वह थोड़ी देर में वहां से रवाना हो गए। आदिवासी महासभा के संगठन मंत्री सुरेश मीणा ने ग्रामीण विधायक मीणा पर लोगों को मारपीट के लिए उकसाने का आरोप लगाया। मामले में विधायक ने आरोप को बेबुनियाद बताया।
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हिरणमगरी थानाधिकारी रामसुमेर मीणा ने बताया कि आवरी माता निवासी ठाकुर चन्द्र भगोरा ने अज्ञात लोगों ने खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज करवाया है। मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
अखिल भारतीय आदिवासी महासभा के संगठन मंत्री सुरेश मीणा ने आरोप लगाया कि उनके साथ आरएसएस व भाजपा के लोगों पर मारपीट की है। मीणा ने बताया कि उन्होंने विरोध जताया था कि सोमवार को आदिवासी दिवस है, इसलिए यहां आदिवासियों का झण्डा होना चाहिए, ये मत लगाओ। उन्होंने बताया कि उनका झंडा सफेद रंग का है, जिस पर चांद तारे व फूल पत्तियां है। भगवा झंडा लगाया है जो पूरी तरह उनका है। उन्होंने पूर्व पार्षद भैरूलाल मीणा व नेला सरपंच बताते हुए ईश्वर पर मारपीट का आरोप लगाया है। मामले में विरोध करने के पक्ष के साथ पहुंची बसन्ती तावड़ ने बताया कि लोगों ने उनके साथियों के साथ मारपीट की है। एक साथी को तो हॉस्पिटल में भर्ती करना पड़ा।