विभिन्न राजघरानों के मुखिया होंगे शामिल
कार्यक्रम को लेकर विशेष जानकारी देते हुए पूर्व राजपरिवार के सदस्य ने बताया कि करीब 40 साल बाद मेवाड़ की राजगद्दी पर महाराणा बिराजने का दस्तूर की परंपरा का निर्वहन होने जा रहा है। यह उत्सव मेवाड़ के सभी समाजों और साधु-संतों की मौजूदगी में होगा। मेवाड़ के सभी जागीरदार पारंपरिक वेशभूषा में इसमें शामिल होंगे। वहीं, विभिन्न राजघरानों के मुखिया भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके अलावा राजनीतिक, सांस्कृतिक, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों की हस्तियां भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगी। पूर्व राजपरिवार के सदस्य ने बताया कि राजगद्दी पर बैठने की परंपरा पूरी होने के उपरांत महाराणा को
एकलिंगनाथ मंदिर जाने की परंपरा है, जहां भगवान एकलिंगनाथ के आशीर्वाद से पुजारी महाराणा का शोक समाप्त करते हैं और उनका रंग बदलते हैं। फिर महाराणा सफेद की जगह रंगीन पगड़ी पहनेंगे। उसके बाद शाम को समोर बाग पैलेस में रंग दस्तूर कार्यक्रम का आयोजन होगा, जिसमें महाराणा अपने परिवार के सदस्यों और सभी उमरावों और बतीसा को रंग देते हैं, ताकि सभी एक ही रंग की मेवाड़ी पगड़ी पहन सकें।
मेवाड़ के 77वें महाराणा विश्वराज सिंह के बारे में जानिए
विश्वराज सिंह का जन्म 18 मई 1969 को महाराणा प्रताप जयंती के अवसर पर महाराणा महेंद्र सिंह मेवाड़ और महारानी निरुपमा कुमारी के घर हुआ था। उन्होंने मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। वे वर्तमान में नाथद्वारा से विधायक हैं और उनकी पत्नी महारानी महिमा कुमारी राजसमंद से सांसद हैं। विश्वराज सिंह मेवाड़ ने 54 साल की उम्र में सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया। वह 2023 में भाजपा में शामिल हुए।