ताजा घटनाक्रम में दो दिन पहले सोमवार को प्रो. द्विवेदी ने अधिष्ठाता कक्ष के बाहर लगी अपनी नेम प्लेट हटवा दी और कक्ष में बैठना बंद कर दिया। दो दिनों से वे बतौर अधिष्ठाता किसी भी कागज पर दस्तखत नहीं कर रहे हैं। अब वे चित्रकला विभाग में िस्थत अपने कक्ष में ही बैठ रहे हैं। उन्हें करीब जनवरी 2024 में अधिष्ठाता के पद पर नियुक्त किया गया था। लेकिन कुछ माह बाद ही उन्होंने निजी कारणों का हवाला देते हुए पद से इस्तीफे की पेशकश कर दी। कुलपति प्रो. सुनीता मिश्रा ने उन्हें पद पर बने रहने को कहा। इसके बाद फिर उन्होंने पद छोडने संबंधी ई मेल कुलपति को भिजवाई, लेकिन इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया। हाल ही में तीसरी बार भेजे गए इस्तीफे में उन्होंने खुद ही स्पष्ट कर दिया कि 18 नवम्बर के बाद इस पर कार्य नहीं करेंगे।
इनका कहना …
प्रो. हेमंत द्विवेदी को जनवरी में अधिष्ठाता नियुक्त किया गया था। उन्हें अपना एक साल का कार्यकाल पूर्ण करना होगा। इससे पहले अधिष्ठाता नहीं बदला जाएगा। वे बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट के भी सदस्य हैं। ऐसे में बॉम की बैठक में भी भाग लेना होगा। – प्रो. सुनीता मिश्रा, कुलपति, मोहनलाल सुखाडि़या विश्वविद्यालय, उदयपुर मैंने पहले भी पारिवारिक कारणों से इस्तीफा देने की इच्छा जाहिर की थी। लेकिन अब में निजी परििस्थतियों के चलते इस पद पर काम नहीं कर पा रहा हूं। अपने इस्तीफे में स्पष्ट कर दिया है कि 18 नवम्बर के बाद अधिष्ठाता के पद पर कार्य नहीं करुंगा। इसलिए अपने मूल विभाग में बैठ रहा हूं।
– प्रो. हेमंत द्विवेदी, आर्ट्स कॉलेज, मोहनलाल सुखाडि़या विश्वविद्यालय, उदयपुर