दरअसल, बुधवार को
राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा और गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म समरावता गांव पहुंचे, जहां पर दोनों मंत्रियों को ग्रामीणों की नाराजगी झेलनी पड़ी। इसके बाद मीडिया से बातचीत में मंत्री किरोड़ी लाल ने ग्रामीणों द्वारा की जा रही नरेश मीणा की रिहाई की मांग पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि 10 लाख भी इकट्ठा कर दो तो भी रिहाई नहीं हो सकती है।
समरावता में हुआ किरोड़ी का विरोध
इधर नरेश मीणा से मुलाकात के बाद जैसे ही मंत्री किरोड़ी लाल और जवाहर सिंह बेढ़म पहुंचे तो गांव वाले रिहाई की मांग करने लगे। उन्होंने पुलिस कार्रवाई पर भी सवाल उठाया और निर्दोष लोगों को हिरासत लेने की कार्रवाई का भी विरोध किया। जबकि ग्रामीणों ने नरेश मीणा का समर्थन करते हुए उनके नारे भी लगाए। इसके बाद मीडिया से बातचीत करते हुए किरोड़ी लाल ने कहा कि देश में कानून का राज है, कानून की पालना कराना सरकार की जिम्मेदारी है। कोई ओच्छी हरकत करके सस्ती लोकप्रियता हासिल करे, उसको जनता पसंद नहीं करती है।
उन्होंने कहा कि जब सीनियर अधिकारी और पुलिस जांच करेगी तभी पता लगेगा। इसके पीछे कौन जिम्मेदार हैं, कौन बाहर का है और कौन भीतर का इसमें शामिल है। वहीं, ग्रामीणों की नाराजगी पर किरोड़ी लाल ने कहा कि पूरा गांव एक तरफ है, एक मछली तलाब को गंदा करने की कोशिश करे तो उससे गंदा थोड़ी हो जाएगा।
किरोड़ी ने गांव वालों से क्या कहा?
डॉ किरोड़ीलाल मीणा ने
समरावता गांव पहुंचकर कहा कि, जो भी नुकसान हुआ है उसकी भरपाई सरकार करेगी, जेल में बंद लोगों से आप कभी भी जाकर मिल सकते हैं, पुलिस और प्रशासन द्वारा उनके साथ घर जैसा व्यवहार किया जा रहा है। जो लोग जेल में बंद हैं उनको जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा, आप धैर्य बनाएं रखे। इसके अलावा किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि सरकार की तरफ से जिन प्रशासनिक अधिकारियों ने गलती की है, रात के अंधेरे में जो उत्पात मचाया है, उन पर कार्रवाई होगी।
क्या है पूरा थप्पड़कांड ?
आपको बता दें, 13 नवंबर को देवली उनियारा सीट पर मतदान के दौरान समरावता गांव में नरेश मीणा की एसडीएम से झड़प हो गई थी। जबरदस्ती वोट डलवाने का आरोप लगाकर नरेश मीणा ने एसडीएम अमित चौधरी के थप्पड़ जड़ दिया था। इसके बाद प्रशासन ने देर रात समरावता गांव से नरेश मीणा को गिरफ्तार किया, मगर ग्रामीणों से हिंसक झड़प हो गई थी। जिसके बाद मामला बिगड़ा और ग्रामीण नरेश को छुड़ा ले गए थे। मगर, दूसरे दिन पुलिस ने नरेश को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद से ही नरेश की रिहाई की मांग को लेकर प्रदेशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं।