चार माह बाधित रहता है आवागमन, अब तो पुलिया बनाओ
पुलिया के लिए 14 करोड़ की स्वीकृति
चार माह बाधित रहता है आवागमन, अब तो पुलिया बनाओ
पारसोला (उदयपुर). पारसोला कस्बे से जिला बांसवाड़ा, उदयपुर, डूंगरपुर की सीमा लगी हुई है। पूर्व समय में पारसोला कस्बा उदयपुर जिले के अन्तर्गत आता था लेकिन वर्ष २००७-०८ में प्रतापगढ़ जिला बनने से पारसोला प्रतापगढ़ में चला गया। कस्बेवासी राजकीय कार्यों के लिए प्रतापगढ़ जाते हैं लेकिन व्यापारिक एवं चिकित्सा सुविधा के लिए आज भी उदयपुर जाते रहते है। ऐसे में पारसोला से उदयपुर वाया साबला कि दूरी १४० किमी है जबकी पारसोला से देवला-लोहागढ़ होते हुए सलुम्बर, उदयपुर की दूरी मात्र ११० किमी है। कस्बेवासी इस ही मार्ग से आना-जाना करते हैं लेकिन बरसात के समय में पारसोला से ५ किमी दूर धोलीमंगरी से बहने वाली जाखम नदी की पुलिया छोटी रपट जैसी होने से चार माह तक पुलिये के ऊपर से पानी बहता है। इस मार्ग में ग्राम पंचायत लोहागढ, अम्बाव, देवला सहित करीब २०-२५ गांवों का सम्पर्क पारसोला कस्बे से चार माह के लिए टूट जाता है। बरसात के मौसम में लगातार पुलिया पर पानी बहने से प्रतिवर्ष क्षतिग्रस्त हो जाती है। सार्वजनिक निर्माण विभाग बरसात के बाद पुलिये कि मरम्मत करता है और बरसात में पुलिया उखड़ कर बह जाती है। बीते वर्ष लॉकडाउन के चलते आवाजाही कम होने कि वजह से विभाग ने पुलिये कि मरम्मत के नाम पर महज भराव डालकर कार्य को विराम दे दिया।
इनका कहना है…
&ग्राम पंचायत अम्बाव व आस-पास के दस-बीस गांवों का सीधा सम्पर्क पारसोला से रहता है। हम लोग पुलिस सेवा, बैंक, चिकित्सा सुविधा एवं व्यापारिक लेन-देन के लिए पारसोला आते-जाते रहते है । बरसात के समय ३-४ माह तक आवागमन बाधित रहने से घूम कर जाना पड़ता है, जिससे समय और अर्थ दोनों का नुकसान होता है।
नारायणलाल मीणा, सरपंच ग्राप पंचायत, अम्बाव
राशि स्वीकृति हो गई है…
&धूलीमंगरी पुलिया के लिए १४ करोड़ की स्वीकृति हो गई है। शीघ्र ही आगे की प्रक्रिया पूरी होकर काम शुरू हो जाएगा। जिससे क्षेत्रवासियों को आवागमन में सुविधा मिल सकेगी।
नागराज मीणा, पूर्व विधायक धरियावद
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