. सावधान ! शहर में इन दिनों स्ट्रीट डॉग का आतंक है। ये गली मोहल्लों में खड़े होकर झुंड के रूप में राहगीरों व वाहन चालकों के साथ ही घर के बाहर खेल रहे बच्चों पर लपक रहे हैं। शहर का कोई हिस्सा नहीं बचा, जहां से स्ट्रीट डॉग का काटा अस्पताल में नहीं पहुंच रहा हो।
उदयपुर•Aug 18, 2023 / 03:50 pm•
Madhusudan Sharma
स्ट्रीट डॉग: 6 माह में 700 को काट चुके, बच्चों की शामत
उदयपुर . सावधान ! शहर में इन दिनों स्ट्रीट डॉग का आतंक है। ये गली मोहल्लों में खड़े होकर झुंड के रूप में राहगीरों व वाहन चालकों के साथ ही घर के बाहर खेल रहे बच्चों पर लपक रहे हैं। शहर का कोई हिस्सा नहीं बचा, जहां से स्ट्रीट डॉग का काटा अस्पताल में नहीं पहुंच रहा हो। अस्पताल के आंकड़ों पर गौर करें तो बीते एक माह में स्ट्रीट डॉग के काटे 296 लोग इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे। पिछले छह माह में यह संख्या 700 से पार है। प्रतिदिन का हिसाब लगाएं तो रोज 8 से 9 लोग स्ट्रीट डॉग के शिकार हो रहे हैं। इनमें आवारा व पालतू कुत्त्ते दोनों शामिल हैं, लेकिन जिम्मेदार मौन हैं। बुधवार को तो मादड़ी क्षेत्र में इनके चलते एक बच्चे की जान पर बन आई। मादड़ी रोड नम्बर-4 लक्ष्मीनगर क्षेत्र में रहने वाले भरत शर्मा के चार वर्षीय पुत्र सिद्धार्थ पर एक साथ 8 से 10 डॉग के झुंड ने हमला कर दिया। बच्चा उस वक्त घर के बाहर खेलने निकला ही था कि डॉग के हमले के बाद चीख चिल्लाहट मच गई। परिजनों व मोहल्लेवासियों ने बच्चे को छुड़वाने का प्रयास किया तब तक डॉग उसे हाथ पैर पर काट चुका था। इस दौरान बच्चा पत्थर पर गिर गया, उसके सिर में चोट लगने से पांच टांके आए। घटना के बाद बच्चा इतना सहम गया कि वह घर से निकलना तो दूर अपने परिजनों को छोड़ ही नहीं रहा। इससे पहले सविना बरकत कॉलोनी में डॉग ने मनतशा पुत्री अब्दुल रऊफ को काटते हुए कई जगह से नोंच दिया था। घटना के बाद से बच्ची डरी सहमी होकर घर से नहीं निकल पाई।
शहर में पांच से छह हजार डॉग, निगम को पता नहीं
शहर के 70 वार्डो में करीब पांच से छह हजार स्ट्रीट डॉग है। लगातार इनकी संख्या में इजाफा होता ही जा रहा है। निगम के पास इन स्ट्रीट डॉग तो छोड़ो पालतू डॉग का भी आंकड़ा नहीं है। वार्डवासियों का कहना है कि एक वार्ड में करीब दो सौ से ढाई सौ डॉग हैं।
जिम्मेदार लापरवाह, कोई योजना नहीं
सर्वाधिक परेशानी नॉनवेज व अंडे के ठेलों वाले क्षेत्रों में हैं, वहां खुले में हड्डियां फेंकने से कुत्ते वहां खड़े रहते हैं। सर्वाधिक परेशानी सविना, गोवर्धनविलास, सूरजपोल अंदर, अंजुमन, हाथीपोल, अम्बामाता, अशोकनगर, मादड़ी रोड पर है।
डॉग लवर्स की वजह से नहीं पकड़ रहे
स्ट्रीट डॉग के काटने के पीडि़त प्रतिदिन अस्पताल पहुंच रहे है, यह आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। निगम के पास कुत्तों को पकडऩे के लिए कई शिकायतें आ रही हैं, लेकिन अधिकारी सिर्फ डॉग लवर्स के विरोध से उन्हें नहीं पकड़ रहे। निगम ने अब तक इन्हें पकडऩे के लिए कोई काम नहीं किया। अभी ये सडक़ पर वाहन चालकों पर राहगीरों पर हमला कर रहे हैं। कई इलाकों में तो परिजन बच्चों को खेलने बाहर भी नहीं भेज रहे।
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