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उदयपुर

Sharad Purnima : शरद पू र्णिमा पर है चंद्र ग्रहण का साया, इसलिए उदयपुर के इन मंदिरों में इस दिन बनेगी खीर

28 को रात में लगेगा ग्रहण, सूतक काल शुरू होगा शाम 4 बजे से, पूर्णिमा के आयोजनों के तहत ठाकुरजी को विशेष सफेद जरी के वस्त्रों का शृंगार व मुकुट धारण कराया जाएगा

उदयपुरOct 26, 2023 / 10:22 pm

madhulika singh

LUNAR ECLIPSE

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आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर इस बार शरद पूर्णिमा के आयोजन नहीं हो सकेंगे। इसका कारण पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण का साया है। दरअसल, शरद पूर्णिमा पर मंदिरों में विशेष आयोजन होते हैं तो घरों में लोग खीर बनाकर चांदनी में रखते हैं। वहीं, इस दिन गरबा रास के आयोजन भी होते हैं। लेकिन ग्रहण का सूतक काल शाम से शुरू हो जाने के कारण मंदिरों में शरद पूर्णिमा के आयोजन एक दिन पूर्व होंगे। गरबा रास के आयोजन भी एक दिन पूर्व किए जा रहे हैं। वहीं, खीर इस बार ग्रहण से एक दिन पूर्व या समाप्त होने के बाद रखी जा सकेगी।
सफेद जरी के वस्त्रों में होगा ठाकुरजी का शृंंगार

शहर के प्रसिद्ध जगदीश मंदिर में हर बार शरद पूर्णिमा पर विशेष आयोजन होते हैं। इस बार ग्रहण के कारण पूर्णिमा के एक दिन पूर्व 27 अक्टूबर को आयोजन होंगे। मंदिर पुजारी राम गोपाल ने बताया कि पूर्णिमा के आयोजनों के तहत ठाकुरजी को विशेष सफेद जरी के वस्त्रों का शृंगार व मुकुट धारण कराया जाएगा। महारास की सेवा होगी। खीर व अन्य व्यंजनों का भोग धराया जाएगा। संध्या आरती के बाद ठाकुरजी को चंद्रमा की धवल चांदनी में बिठाया जाएगा। इधर, गुप्तेश्वर महादेव मंदिर पर शरद पूर्णिमा उत्सव रात्रि सत्संग 27 अक्टूबर को मनाया जाएगा। मंदिर अधिष्ठाता महंत तन्मय वन ने बताया कि इस पूर्णिमा चंद्रग्रहण होने के कारण पूर्णिमा को होने वाला सत्संग एक दिन पहले ही किया जाएगा। इसके अलावा ग्रहण का सूतक काल शुरू होने के साथ ही 28 अक्टूबर को भगवान के दर्शन पूर्ण रूप से बंद रहेंगे।
गुजराती समाज का गरबा रास 27

गुजराती समाज सेक्टर 11 हिरण मगरी में हर साल शरद पूर्णिमा पर गरबा रास का आयोजन होता है। लेकिन इस बार पूर्णिमा पर ग्रहण होने से यह आयोजन एक दिन पूर्व 27 अक्टूबर को रात्रि 8 बजकर 30 मिनट पर रखा गया है। कार्यक्रम में गुजराती समाज के अध्यक्ष राजेश बी मेहता, सचिव दिनेश भाई पटेल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष दिलीप भाई सोनी, उपाध्यक्ष नितिन भाई पटेल, उपाध्यक्ष गिरीश भाई पटेल, कोषाध्यक्ष जयेश भाई जोशी आदि का सहयोग रहेगा।
4 घंटे 25 मिनट की रहेगी ग्रहण अवधि

पं.जगदीश दिवाकर के अनुसार, शरद पूर्णिमा पर आंशिक खण्डग्रास चंद्रग्रहण उपछाया मध्यरात्रि 11:30 बजे प्रारंभ होगी। ग्रहण प्रारंभ 1:05 बजे से , मध्यरात्रि 2:24 बजे ग्रहण समाप्त उपच्छाया, अंत रात्रि 3:58 बजे होगा। ग्रहण अवधि स्पर्श से अंत तक कुल 4 घंटे 25 मिनट और ग्रहण प्रारंभ से मोक्ष 1 घंटा 19 मिनट है । सूतक पूरे भारत में मान्य होगा। सूतक काल शाम चार बजे शुरू हो जाएगा। ग्रहण वैध काल में बालक, वृद्ध और रोगी जनों को छोड़ कर सूतक के समय भोजन, शयन, मूर्ति पूजा निषेध है। ग्रहण अवधि में दान पूजन, हवन करना विशेष फलदायी होता है। गर्भवती स्त्री को शांत भाव से ईश्वर व जगत् जननी मां दुर्गा का कीर्तन-भजन करना चाहिए। मोक्ष के बाद श्राद्ध और अन्न वस्त्र आदि दान करने पश्चात स्नान अवश्य करें ।
शरद पूर्णिमा को होगा मून मेडिटेशन

भुवाणा महाप्रज्ञ विहार स्थित प्रज्ञा शिखर में चार्तुमास प्रवास कर रहे मुनि सुरेश कुमार के सान्निध्य, मुनि सम्बोध कुमार ‘मेधांश’, मुनि सिद्ध प्रद्ध के निर्देशन में शरद पूर्णिमा पर मून मेडिटेशन कार्यक्रम होगा। तेरापंथ युवक परिषद् की ओर से यह कार्यक्रम 28 अक्टूबर को शाम 7:30 बजे से 9:15 बजे तक होगा। परिषद् अध्यक्ष विक्रम पगारिया, मंत्री भूपेश खमेसरा ने बताया कि रात 8 बजे बाद प्रवेश बंद कर दिया जाएगा। कार्यक्रम संयोजक सिद्धार्थ भाणावत, राजेश बंब, विनोद भंडारी, ने बताया कि पहली बार हो रहे मून मेडिटेशन में ध्यान के माध्यम से चंद्रलोक की यात्रा करवाई जाएगी। वहीं चांद की चांदनी में सुइ – धागा पिरोने के साथ शांति व समृद्धि हेतु यंत्र का निमार्ण किया जाएगा। संयोग से इस दिन चंद्र ग्रहण होने से चंद्र ग्रह शांति हेतु मंत्र अनुष्ठान करवाया जाएगा। कार्यक्रम में पुरुषों को सफेद पोशाक व महिलाओं को लाल चुंदड़ में पहुंचना है।

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