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10 प्रतिशत प्रश्नों में यदि पांचवां विकल्प नहीं भरेंगे तो होंगे डिसक्वालिफाइ: अभ्यर्थियों को पांचवां विकल्प को भी गंभीरता से लेना होगा क्योंकि यदि 10 प्रतिशत प्रश्नों में पांचवां विकल्प नहीं भरा होगा तो परीक्षार्थी डिसक्वालिफाइ कर दिया जाएगा। परीक्षा समाप्ति पर पूरी ओएमआर शीट वीक्षक को सौंपनी होगी। वीक्षक इसकी मूल प्रति को स्वयं के पास जमा कर कार्बन प्रति को सावधानीपूर्वक अलग करते हुए परीक्षार्थी को देंगे। इस कार्बन प्रति को परीक्षार्थी अपने साथ ले जा सकेगा। चयन प्रक्रिया पूर्ण होने तक परीक्षार्थी को इस कार्बन प्रति को सुरक्षित रखना होगा एवं आयोग द्वारा मांगने पर प्रस्तुत करना होगा।
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फर्जीवाड़ा रोकने के लिए बेहतरीन शुरुआत
आरपीएससी की ओर से आरएएस प्री परीक्षा से ओएमआर शीट में उत्तर का पांचवां विकल्प दिया जाना बेहतरीन शुरुआत है। इससे भर्ती परीक्षाओं में फर्जीवाड़े पर अंकुश लगेगा। आमतौर पर ओएमआर शीट को बदल दिया जाना, ओएमआर शीट को परीक्षा हॉल में खाली छोड़कर बाद में मिलीभगत से सही ऑप्शन भरने जैसी आशंकाएं बनी रहती हैं। अब अभ्यर्थियों को किसी प्रश्न को अटेम्प्ट नहीं करने की स्थिति में उससे संबंधित पांचवें ऑप्शन वाले सर्कल को परीक्षा हॉल में ही भरना पड़ेगा। इसके लिए अभ्यर्थी को अतिरिक्त समय भी मिलेगा। इस नियम का उल्लंघन करने पर अभ्यर्थी परीक्षा से डिबार हो सकता है। इस पहल से आरपीएससी की विश्वसनीयता बढ़ेगी। प्रतियोगी परीक्षाओं की शुचिता भी कायम हो सकेगी।
आगामी परीक्षाओं में लागू होगा नियम
– सहायक आचार्य
– राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवाएं संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा
– कनिष्ठ विधि अधिकारी
– खोज एवं उत्खनन अधिकारी तथा संग्रहाध्यक्ष
– सहायक अभियंता अभियांत्रिकी