विभाग ने प्रक्रिया तो ऑनलाइन कर दी, लेकिन ना तो यह ई-मित्र की सर्विसेज में शामिल है और ना ही आवेदन की फीस निर्धारित है। ऐसे में शहर में कम्प्यूटर ऑपरेटर मनमर्जी की फीस वसूली कर रहे हैं। किसी भी तरह का फॉर्म भरने के बदले 20-25 रुपए से अधिक फीस नहीं होती, जबकि ऑपरेटर 150-200 रुपए तक वसूल रहे हैं।
योजना और अंतिम तिथि
देवस्थान विभाग की वरिष्ठ नागरिक तीर्थयात्रा योजना के तहत नए आवेदन लिए जा रहे हैं। करीब एक साल बाद गत 4 सितम्बर से शुरू हुई आवेदन प्रक्रिया 19 सितम्बर तक चलेगी। इसके तहत प्रदेशभर में हजारों बुजुर्गों के आवेदन लिए जाएंगे। आवेदन को लेकर उलझन की स्थिति में बुजुर्ग रुपए देने को मजबूर हैं। विभाग का नियंत्रण नहीं
सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने ई- मित्र के लिए सर्विस प्रोवाइडर कम्पनियों को कॉन्ट्रेक्ट दे रखा है, जहां से 600 तरह की सर्विसेज उपलब्ध है। ऑपरेटर सर्विसेज के अलावा अन्य ऑनलाइन वर्क कर सकता है, लेकिन विभाग की ओर से सूचीबद्ध सर्विस पर ही दर तय है। सूची से बाहर की सेवा के बदले मनमर्जी से दर वसूलता है।
आवेदनों का रिकॉर्ड नहीं
तीर्थयात्रा योजना के आवेदन ई- मित्र की सेवा सूची में शामिल नहीं है। ऐसे में आवेदन में गलती रहने के लिए भी कोई जिम्मेदार नहीं होता। ऐसे में देवस्थान विभाग की ओर से यात्रा से वंचित किए जाने पर भी बुजुर्ग ठगा रह जाएगा, लेकिन शिकायत नहीं कर सकता। ऐसे में आवेदन का रेकॉर्ड ट्रेक भी नहीं हो सकता।
केस 01
सुंदरवास क्षेत्र स्थित ई-मित्र केंद्र पर तीर्थयात्रा योजना के आवेदन पर बुजुर्ग से 200 रुपए वसूले गए। कियोस्क संचालक इसे निर्धारित फीस बताकर वसूल रहा है। क्षेत्रीय पार्षद वेणीराम सालवी ने इसकी शिकायत भी की है।
केस 02
सूरजपोल क्षेत्र स्थित ई-मित्र केंद्र पर तीर्थयात्रा योजना का आवेदन करने गए बुजुर्ग गंगाराम मेघवाल ने बताया कि आवेदन के बदले उससे 150 रुपए लिए गए। कियोस्क संचालक ने तर्क दिया कि फीस सरकार से निर्धारित है।
केस 03
हिरणमगरी सेक्टर-6 क्षेत्र स्थित ई-मित्र केंद्र संचालक ने तीर्थयात्रा योजना आवेदन के 200 रुपए लिए। कियोस्क संचालक ने कहा कि सरकार निशुल्क यात्रा करा रही है तो आवेदन की इतनी फीस तो देनी ही पड़ेगी।
केस 04
मल्लातलाई स्थित एक ई-मित्र केंद्र पर पहुंचे बुजुर्ग गोपाल सुहालका से 150 रुपए फीस ली गई। कियोस्क संचालक ने कहा कि यह मेरा निजी काम है, इससे ई-मित्र सेवा का कोई लेना देना नहीं है. फीस इतनी ही लगेगी।
कार्रवाई होनी चाहिए
ई-मित्र केंद्रों पर किसी भी तरह के फॉर्म भरने की फीस 20-25 रुपए से अधिक नहीं है। कियोस्क संचालक ज्यादा राशि ले रहे हैं तो कार्रवाई होनी चाहिए। बुजुर्गों से अधिक वसूली हो रही है तो इसकी जांच करवाकर कार्रवाई के लिए संबंधित विभाग से पत्राचार किया जाएगा। –वासुदेव मालावत, आयुक्त, देवस्थान विभाग
सरकार की ओर से निशुल्क करना चाहिए
सरकार हजारों बुजुर्गों को यात्रा का खर्च उठा रही है तो आवेदन प्रक्रिया का खर्च भी वहन कर लेना चाहिए। यह काम ई-मित्र की सेवा में जोड़कर सरकार की ओर से निशुल्क करना चाहिए। कियोस्क को भुगतान सरकार से होना चाहिए। इससे आम आदमी की जेब नहीं कटेगी। –लोकेश खंडेलवाल, मुख्य परिचालन अधिकारी, अक्स ऑप्टीफाइबर