जायका के वित्तीय सहयोग के तहत वन विभाग को वर्ष 2008-09 में 23.48 करोड़ रुपए विकास कार्यों के लिए मिले थे। जिसके बाद विभाग ने राजस्थान स्टेट रोड डवलपमेंट काॅर्पोरेशन (RSRDC) को कार्यकारी एजेंसी बनाकर सज्जनगढ़ सेंचुरी में कई प्रकार के विकास कार्य करवाए। ये कार्य वर्ष 2014-15 में पूरे हुए और 12 अप्रेल 2015 को इस पार्क को लोकार्पित किया गया। इन कार्यों के बाद जहां बायोलॉजिकल पार्क में पर्यटक सुविधाओं का विस्तार हुआ। वहीं पर्यटकों की आवक भी बढ़ी। इससे जहां सरकार को राजस्व में बढ़ोतरी हुई, वहीं जू ट्रस्ट को भी आमदनी होने लगी।
ये हुए थे कार्य- 21 एनक्लोजर निर्माण – बाउंड्री वॉल, फेंसिंग- टिकट काउंटर बिल्डिंग – प्रशासनिक ब्लॉक- वेटनरी हॉस्पिटल – टूरिस्ट वाहनों की पर्किंग- टूरिस्ट रोड – साइनेज- विजिटर पाथ-वे
– न्यूटि्रशन सेंटर- टॉयलेट – वॉटर स्ट्रक्चर- वॉच टॉवर – चिल्ड्रन पार्क, गार्डन- लैंड स्कैप – ड्रेनेज- प्लांटेशन यूं मिल रहा राजस्व – 42 रुपए टिकट शुल्क- 10 रुपए जू ट्रस्ट को
– 02 रुपए ई-मित्र संचालक को पर्यटकों की आवक वर्ष पर्यटक 2015-16 283173 2016-17 328741 2017-18 313929 2018-19 317579 2019-20 226353 कोरोना काल 2020-21 74932 कोरोना काल
2021-22 99475 कोरोना काल 2022-23 198731 स्थानीय लोगों को मिल रहा रोजगार बायोलॉजिकल पार्क में स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। यहां इको डवलपमेंट कमेटी के तहत 25 लोगों को पार्क के नियमित कामकाज के लिए नियोजित किया गया है।
पोस्ट इवेल्यूएशन के लिए टीम ने लिया जायजा बायोलॉजिकल पार्क में हुए कार्यों को देखने के लिए सोमवार को जायका की पोस्ट इवेल्यूएशन टीम यहां पहुंची। इसमें भारतीय वन सेवा के अधिकारी संजय भादू, कंसल्टेंट नरेंद्र शर्मा व जापान की कंसल्टेंट हाइ से सीमा शामिल थी। टीम ने जापानी सहयोग से हुए कार्यों के परिणाम पर संतोष जाहिर किया।
सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क सेल्फ सस्टेनेबल डवलपमेंट का श्रेष्ठ उदाहरण है। अब हम बगैर सरकारी मदद इसे विकसित करने की ओर बढ़ रहे हैं। लॉयन सफारी इसका पहला प्रोजेक्ट होगा। फंडिंग करने वाली संस्था के प्रतिनिधियों ने भी इसे सराहा है।
– देवेंद्र कुमार तिवारी, उपवन संरक्षक (वन्यजीव)