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उदयपुर

लाखों के टेंडर के बावजूद गांवों में घर-घर कचरा संग्रहण व साफ-सफाई का कार्य ठंडे बस्ते में

जिले की चार पंचायत समिति में आ रही समस्या, गांवों में लग रहे कचरे के ढेर

उदयपुरJan 04, 2025 / 12:03 am

Shubham Kadelkar

गांव में कचरे के ढेर

सलूम्बर. शहरों के साथ गांवों में घर-घर कचरा संग्रहण, गांव की सड़कों की सफाई, नालियों की साफ-सफाई व कचरे के ढेर को हटाना, सार्वजनिक शौचालय, राजकीय भवन जिसमें विद्यालय के शौचालय, पंचायत भवन के शौचालय सहित सभी सार्वजनिक स्थल पर बने शौचालय की साफ-सफाई करने को लेकर जिले के सलूम्बर, सराड़ा, जयसमन्द, सेमारी में पंचायत समिति ने अपने स्तर पर पंचायत के घर-घर कचरा संग्रहण के लिए टेंडर कर दिए, लेकिन कार्यादेश के एक माह बाद भी गांव में ठेकेदार फर्म द्वारा कार्य शुरू नहीं किया। जिस कारण लाखों के टेंडर के बावजूद गांवों में कचरे के ढेर लगे हुए है। नालियां कचरे से अटी पड़ी है। ठेकेदार फर्म की ओर से घर-घर कचरा संग्रहण एवं साफ-सफाई का कार्य शुरू नहीं करने से अधिकांश ग्राम विकास अधिकारियों ने विकास अधिकारियों के सम्मुख आपत्ति भी जताई, लेकिन ठेकेदार फर्म ने कार्य शुरू नहीं किया।

यह होना था कार्य

ठेकेदार फर्म की ओर वाहन के माध्यम जिले के गांवों में गीला कचरा एवं सूखा कचरा, घर-घर कचरा संग्रहण करके उसे डंपिंग यार्ड तक पहुंचाना था। साथ ही सूखा कचरा पृथक करना, सफाई कर्मचारी रखकर गांव की सड़कें, नालियों की सफाई करना व सार्वजनिक शौचालय की साफ-सफाई करना भी शामिल था।

ऐसे होगा भुगतान

ठेकेदार फर्म को ग्राम पंचायत द्वारा घर-घर कचरा संग्रहण करने के लिए प्रत्येक घर से 2 रुपए 63 पैसा, नालियों की सफाई महीने में चार बार करने पर 57 रुपए 69 पैसा के हिसाब से, सड़क पर झाड़ू लगाना वर्ग मीटर के अनुसार 10 पैसा 1 वर्ग मीटर जिसमें 6 हजार वर्ग मीटर पर 2500 रुपए, सामूहिक शौचालय की साफ-सफाई 49 रुपए प्रत्येक शौचालय प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान करना। भुगतान राशि के अनुसार ग्राम पंचायत जिसमें जनसंख्या आबादी व प्रत्येक मकान एवं घन मीटर व वर्ग मीटर के अनुसार न्यूनतम राशि एवं अधिकतम राशि पंचायत द्वारा ठेकेदार फर्म को दी जाएगी, जो 40 हजार से लेकर 90 हजार प्रत्येक माह खर्च होगी।

वित्तीय अनियमितता की भी आशंका

पंचायत में प्रत्येक मकान अनुसार राशि ठेकेदार फर्म को भुगतान करनी होती है, लेकिन अधिकांश ग्राम पंचायत में कुछ राजस्व गांव तथा अधिकांश पंचायत पहाड़ी क्षेत्र में स्थित होने के कारण वाहन के माध्यम घर-घर कचरा संग्रहण करना संभव नहीं है तथा पहाड़ी क्षेत्र में नालियां एवं पक्की सड़कें नहीं होने की स्थिति में गंदगी एवं कचरा संग्रहण की संभावना नहीं है। ऐसी स्थिति में ऐसे राजस्व गांव एवं ग्राम पंचायतों में कार्य नहीं होने के दौरान भुगतान अगर होने की संभावना है तो वित्तीय अनियमितता की संभावना बनी रहेगी।

पंचायत व पंचायत समिति ने दिए नोटिस

टेंडर के बाद कार्य शुरू नहीं होने पर ग्राम पंचायत एवं विकास अधिकारी सलूम्बर ने संबंधित ठेकेदार फर्म को नोटिस जारी किया था। इधर, सलूम्बर, जयसमन्द, सेमारी, सराड़ा के ग्राम विकास अधिकारियों ने ग्रामीणों की समस्याओं को देखते हुए संबंधित फर्म ठेकेदार के द्वारा कार्य शुरू नहीं करने को लेकर सक्षम अधिकारियों के सम्मुख आपत्ति दर्ज करवाई। बताया कि टेंडर पंचायत समिति स्तर से किए गए तथा भुगतान को लेकर बिना कार्य पंचायत पर दबाव बनाया जा रहा है तथा भुगतान को लेकर किसी भी तकनीकी रूपरेखा को तैयार नहीं किया गया है।

जिम्मेदार बोले- नोटिस देकर करेंगे पाबंद

सलूम्बर विकास अधिकारी हंसराज ने कहा कि कार्य के अभाव में अलग-अलग ग्राम पंचायत ने नोटिस जारी किए। पंचायत समिति ने भी ठेकेदार फर्म को नोटिस जारी किया है। जयसमंद विकास अधिकारी दयाचंद ने कहा कि संबंधित फर्म को नोटिस जारी किया जाएगा। इधर, सेमारी विकास अधिकारी रिपुसूदन का कहना है कि कार्य शुरू नहीं किया है। नोटिस की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जल्द नोटिस जारी किया जाएगा। इधर, सराड़ा विकास अधिकारी केदार चौधरी ने कहा कि ग्राम विकास अधिकारी के माध्यम से आपत्तियां सामने आ रही है, ठेकेदार को कार्य शुरू करने के लिए नोटिस के जरिए पाबंद किया जाएगा।

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