ग्रामीणों ने बताया कि कोट उचित मूल्य की दुकान के राशन डीलर द्वारा दो से तीन माह तक की पर्चियां पोस मशीन से निकाल ली जाती है, लेकिन उन्हें गेहूं नहीं दिए जाते। ग्रामीण रोज उन पर्चियों को लेकर दुकान के चक्कर काटते रहते है। दो-दो माह बीत जाने के बावजूद गेहूं नहीं मिलते। कई बार तो मना कर दिया जाता है। ऐसे में परेशान ग्रामीण जब गुरुवार को दुकान पर गेहूं लेने पहुंचे तो कुछ को मना किया तो कुछ को एक एक माह के ही गेहूं देने लगा। ऐसे में ग्रामीण उसे पर्चियां दिखाने लगे। बाद में ग्रामीण उग्र हो गए और पूरे गेहूं नहीं देने पर वजन का कांटा ही उठा ले गए और दुकान के ताला जड़ दिया। साथ ही हंगामा करते हुए रोड जाम करने पहुंच गए। ग्राम पंचायत में जनसुनवाई अधिकारी को रिपोर्ट दी। ग्रामीणों ने बताया कि डीलर कभी चरमर गांव में बुलाता है तो कभी कोट और एक लड़के को रख रखा है।
विधायक ने लिया एक्शन
कोट ग्राम पंचायत में राशन की समस्या और डीलर की मनमानी अनियमितता की जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत एक्शन लेते हुए सीधे जिला रसद अधिकारी उदयपुर को त्वरित जांच कर कार्रवाई करने को कहा। इस पर वहां से प्रवर्तन निरीक्षक विनोद परमार को मौके पर भेजा। जो शाम को गांव पहुंचे और सभी ग्रामीणों के बयान लिए। इस दौरान ग्रामीणों ने हंगामा किया तो परमार ने उन्हें समझाते हुए एक-एक की बात सुनी और कलमबद्ध बयान लिए।
इनका कहना है
ग्रामीणों और विधायक की शिकायत पर कोट गांव में मौके पर जाकर 30 ग्रामीणों के बयान लिए। बताया कि डीलर शांतिलाल राव दो-दो माह की पर्चियां निकाल देता है और गेहूं देता नहीं है। आज आफिस बंद हो गया है। गबन सहित पूरी रिपोर्ट शुक्रवार को बता पाऊंगा। फिलहाल डीलर को सस्पेंड कर दिया जाएगा। -विनोद परमार, प्रवर्तन निरीक्षक, रसद विभाग