हालांकि केंद्र सरकार की ओर से पेपरलेस सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए देशभर में विभिन्न प्रकार के दस्तावेजों को डिजिलॉकर पर अपलोड करने का कार्य पहले से जारी है। इसी क्रम में उदयपुर का मोहनलाल सुखाडि़या विश्वविद्यालय अब तक 4 लाख 83 हजार 473 डिग्रियां डिजिलॉकर पर अपलोड कर चुका है। लेकिन प्रदेश के ज्यादातर विश्वविद्यालयों में यह प्रक्रिया धीमी है। हाल ही में प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख शासन सचिव ने समस्त विश्वविद्यालयों को अगले सत्र से डिजिलॉकर से डिग्रियों के वेरिफिकेशन से फैसले से अवगत कराते हुए डिग्रियां अपलोड करने के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
अपार आइडी के जरिए होगा सत्यापन
किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में सफलता के बाद अभ्यर्थी की डिग्रियों का सत्यापन उसकी 12 डिजिट की अपार आइडी (ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री) के माध्यम से किया जाएगा। यह आइडी इन दिनों विश्वविद्यालयों के सभी डिग्री और मार्कशीट पर प्रिंट होना शुरू हो गया है। इसी के जरिए डिजिलॉकर से दस्तावेज लिंक किए जाएंगे।
डिजिलॉकर डॉक्यूमेंट को मूल दस्तावेज की मान्यता
डिजिलॉकर भारत सरकार की ओर से शुरू की गई ऑनलाइन सेवा है। जिसका मकसद पेपरलेस सिस्टम को बढ़ावा देना और दस्तावेज़ों को सुरक्षित रखना है। इसके ज़रिए आप अपने ज़रूरी दस्तावेज़ों को ऑनलाइन स्टोर कर सकते हैं और उन्हें किसी भी समय और कहीं भी ले जा सकते हैं। डिजिलॉकर पर रखे गए दस्तावेज़ों को मूल दस्तावेज़ों के बराबर ही मान्यता दी जाती है। पूर्व में केंद्र सरकार का एनएसडीएल के साथ करार था। दस्तावेज एनएसडीएल के पोर्टल पर अपलोड किए जाते थे।मोहनलाल सुखाडि़या विश्वविद्यालय के सत्रवार अपलोड डिग्रियां सत्र डिग्रियां 2015-16 61898 2016-17 64264 2017-18 68429 2018-19 66395 2019-20 59151 2020-21 57186 2021-22 55023 2022-23 51064
इनका कहना …
सरकार की ओर से डिजिलॉकर पर डिग्रियां अपलोड करने के निर्देश दिए गए हैं। आने वाले समय में इसी के जरिए दस्तावेजों का सत्यापन होगा। हम अब तक की सारी डिग्री अपलोड कर चुके हैं। जैसे ही कन्वोकेशन होगा। इस सत्र की भी डिजिलॉकर पर उपलब्ध जाएगी। – डॉ. अविनाश पंवार, डायरेक्टर कम्प्यूटर सेंटर, मोहनलाल सुखाडि़या विश्वविद्यालय, उदयपुर