महिला कार्मिकों का दिल इस बात पर भी नहीं पसीजा कि उसकी कोख से अधूरे और मरे हुए बच्चे ने जन्म लिया है। खुशी के नाम पर रुपए देने को लेकर प्रसूता को मौन देखकर भी सफाईकर्मियों ने मांग नहीं छोड़ी। अलबत्ता परिजनों से साफ-सफाई के नाम पर रुपए का तकाजा जारी रखा। शर्मसार करने वाली इस हरकत पर होमगार्ड के रात्रि प्रभारी लक्ष्मीलाल मेनारिया ने प्रसूतों परिजनों का साथ दिया। मेनारिया ने सफाईकर्मी महिलाओं का विरोध किया। हालात की ओर इशारा करते यह समझाने की कोशिश की कि बच्चा मरा हुआ है। कहासुनी और विवाद के बाद महिला कार्मिकों ने मजबूरी देख मौका छोड़ दिया। बता दें कि महिला चिकित्सालय में जब-तब ऐसी शिकायतें आती हैं।
हुआ यूं कि कोटड़ा के पानरवा क्षेत्र में आमदानी निवासी शांतिलाल पुत्र जकरचंद्र रविवार को विजयनगर गुजरात स्थित चिकित्सालय में था। तभी चिकित्सकों ने उसकी गर्भवती पत्नी सीतादेवी के प्रसव को लेकर हाथ खड़े कर दिए। इस पर वह पत्नी को लेकर दोपहर करीब २ बजे पन्नाधाय चिकित्सालय पहुंचा। तभी रात करीब ९ बजे पन्नाधाय के चिकित्सकों ने गर्भवती के मिर्गी रोग को देखते हुए गर्भपात करवाना उचित समझा। चिकित्सकों ने अधूरे नवजात को कोख से बाहर किया। इसके बाद दो सफाईकर्मी महिलाओं ने वार्ड १ में साफ -सफाई के नाम पर परिजनों से २ सौ रुपए की मांग करते हुए विवाद खड़ा कर दिया।
लेबर वार्ड में शिफ्टिंग से पहले ही हम परिजनों को रुपए नहीं देने के लिए पाबंद कर देते हैं। काउंटर पर भी रुपए नहीं देने और एेसे मामले की शिकायत सुपरवाइजर से करने की बात कहते हैं। घटना के बाद पीडि़त को रात्रि सुपरवाइजर, नर्सेज स्टाफ को इसकी जानकारी देनी थी। लोगों को जागृत होने की जरूरत है ताकि दोषियों के लिए कार्रवाई हो सके।