– चिकित्सा विभाग के अन्तर्गत जटिल बीमारियों से ग्रसित अतिगंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान कर इनका कुपोषण उपचार केन्द्रों पर भर्ती कर उपचार किया जाता है। उपचार के दौरान बच्चों को थेरेपेटिक फूड दिया जाता है। इसके अतिरिक्त इन बच्चों को स्थिति के अनुसार माईक्रो न्युट्रिएन्ट दिये जाते है, जिससे की बच्चा जल्दी ठीक हो सकें ।
– समेकित बाल विकास परियोजनान्तर्गत राज्य के समस्त जिलों में लाभान्वितों को पूरक पोषाहार उपलब्ध करवाया जा रहा है। ये है खुराक छह माह से तीन वर्ष तक के बच्चे- 125 ग्राम बेबीमिक्स
छह माह से तीन वर्ष तक के अति कम वजन वाले बच्चे- 200 ग्राम बेबिमिक्स तीन वर्ष से छह वर्ष के बच्चे- नाश्ता, गर्म पूरक पोषाहार, खिचड़ी, मीठा दलिया तीन से छह वर्ष के अति कम वजन वाले बच्चे- 75 ग्राम अतिरिक्त पोषाहार, गरम पूरक
READ MORE : करोड़ों की जमीन के सौदे के मामले में फरार चल रहे तीन आरोपियों की जमानत खारिज युवती से छेड़छाड़ के आरोपी वृद्ध को चार वर्ष की कैद उदयपुर. बेटी की उम्र की युवती के साथ छेडख़ानी व जबरदस्ती करने वाले आरोपी वृद्ध को न्यायालय ने 4 वर्ष के कैद व 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।पीडि़ता ने 24 नवम्बर 2015 को भीण्डर थाने में गांव के ही लक्ष्मीपुरा निवासी शंकर (60) पुत्र रूपा मेघवाल के खिलाफ रिपोर्ट दी थी। बताया कि पाणत के लिए वह कुछ दिनों से मां के साथ खेत पर ही सो रही थी। 22 नवम्बर मां के किसी वैवाहिक समारोह में जाने से वह अकेली थी तभी आरोपी उसके पास पहुंच गया। उसने छेड़छाड़ करते हुए जबरदस्ती की तो वह चिल्लाई तो आरोपी भाग छूटा। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया। आरोप पत्र पेश होने पर अभियोजन पक्ष की ओर से वंदना उदावत ने आवश्यक साक्ष्य व दस्तावेज पेश किए। आरोप सिद्ध होने पर विशिष्ट न्यायालय पॉक्सो एक्ट के पीठासीन अधिकारी दिनेश कुमार नागौरी ने आरोपी को पोक्टो एक्ट में दोषी मानते हुए उसे चार वर्ष कैद की सजा सुनाई।