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उदयपुर

उदयपुर के इस तालाब को बना रहे क्रेशर गिट्टी के वेस्ट का डम्पिंग यार्ड

आए दिन भैंस फंस जाती चिकनी स्लरी में, के्रेन से निकाली भैंस, पांच से ज्यादा जानवरों की मौत, अवैध रूप से वेस्ट डाल तालाब को बर्बाद करने पर तुले

उदयपुरJul 06, 2021 / 10:41 pm

Mukesh Hingar

डाकन कोटड़ा के बोर का नाका तालाब में समाहित वेस्ट में फंसी भैंस को दूसरी बार निकालने का प्रयास करते ग्रामीण।

डाकन कोटड़ा के बोर का नाका तालाब में समाहित वेस्ट में फंसी भैंस को दूसरी बार निकालने का प्रयास करते ग्रामीण।

मुकेश हिंगड़ / उदयपुर. शहर से सटे डाकनकोटड़ा में बोर का तालाब को बर्बाद किया जा रहा है। तालाब के अंदर बड़ी मात्रा में क्रेशर गिट्टी का वेस्ट डाला जा रहा है। अब तो स्थिति यह हो गई कि तालाब का कई भाग चिकनी स्लरी में बदल गया है। रविवार को वहां पर एक भैंस फंस गई जिसको क्रेन मंगवाकर निकाला गया और दूसरी भैंस अभी तक मिली नहीं है। अब तक करीब पांच जानवरों की मौत हो चुकी है। इस क्षेत्र में संचालित क्रेशर के संचालकों की ओर से वेस्ट तालाब में डाला जा रहा है।
रविवार को बोर का तालाब में एक भैंस फंस गई, देखते ही देखते भैंस चिकनी स्लरी में उतर गई और सिर्फ उसका मुंह ही दिख रहा था। वहां एकत्रित हुए ग्रामीणों ने सारे प्रयास किए लेकिन वे भैंस को नहीं निकाल सके। बाद में हाइवे बनाने वाली सद्भाव कंपनी से आग्रह किया तो उन्होंने मदद के लिए क्रेन और एक अन्य मशीन भेजी। बाद में करीब तीन घंटे तक रेस्क्यू चला, भैंस को सावधानी से क्रेन से ऊपर तो खींच लिया लेकिन वापस नीचे उतर गई। बाद में दूसरी मशीन व ग्रामीणों के सहयोग से उसे निकाला गया। इधर, गांव के ही प्रताप सिंह की एक भैंस भी गायब है जो सोमवार शाम तक नहीं मिली। ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में पांच जानवर वहां मर चुके है।

क्रेशर संचालक तालाब में डाल रहे वेस्ट
ग्रामीणों ने बताया कि क्रेशर गिट्टी संचालक वहां से निकलने वाले वेस्ट को तालाब में पटक रहे है जिससे तालाब में स्लरी जम गई है, पानी व पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। जबकि क्रेशर से निकलने वाले वेस्ट को उनको अलग डम्पिंग यार्ड बनाकर वहां डम्प करना चाहिए।

भैंसे पानी पीने जाती और फंस जाती
ग्रामीणों ने बताया कि तालाब पर भैंसे पानी पीने जाती है और जब वे चिकनी स्लरी में की तरफ उतरती है तो वापस बाहर नहीं निकल सकती है, ऐसे में पूर्व में जानवरों की मौत हो चुकी है, रविवार की घटना से सोमवार को सरपंच मांगीलाल मीणा को भी ग्रामीणों ने अवगत कराया।
डाकन कोटड़ा के बोर का नाका तालाब में समाहित वेस्ट में फंसी भैंस को क्रेन के जरिए निकालते हुए।
इनका कहना है….

वहां पर क्रेशर के वेस्ट का नाला सीधे तालाब में छोड़ दिया। ऐसे में तालाब में ये वेस्ट समाहित हो रहा। आए दिन मवेशी फंस रहे है, पूर्व में करीब पांच जानवरों की तो मौत हो चुकी है। तालाब का पानी भी खराब हो रहा है और वातावरण प्रदूषित हो रहा है। क्रेशर संचालकों को प्लांट के पास वेस्ट का डम्पिंग यार्ड बनाना चाहिए।
– मांगीलाल मीणा, सरपंच डाकनकोटड़ा

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