ऋषभदेव मंदिर इतिहास
उदयपुर जिला मुख्यालय से 65 किलोमीटर दूर अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर कुंवारिका नदी के तट पर स्थित है। देवस्थान विभाग का आत्म निर्भर श्रेणी के इस मंदिर में भगवान ऋषभदेव की श्याम वर्ण की लगभग 105 से.मी. आकार की ऊंची प्रतिमा गांव में पहाडों की ओट में निर्मित मंदिर में विराजमान है। इस प्रतिमा का पूजन भक्तगण प्राचीन समय से ही केशर से करते चले आ रहे है, इसलिए इन्हें केशरियानाथ कहते है। स्थानीय प्रदेश के आदिवासी इन्हें कालाजी बावजी, केशरिया बाबा, धुलेवाधनी भी कहते है। प्रतिवर्ष होली के आठ दिन बाद चैत्र कृष्णा अष्टमी को भगवान ऋषभदेव का जन्मोत्सव पर्व मनाया जाता है और तीन दिन मेला भी लगता है।
ऐसे दर्शन कर सकते भक्त
देवस्थान विभाग ने केसरियाजी मंदिर में भगवान के दर्शन के लिए ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया है। इसके तहत इस लिंक पर जाकर भक्त दर्शन कर सकते है। https://www.rishabhdeo.org/live
इनका कहना है…
हमने ऑनलाइन दर्शन व दान तो अगस्त में शुरू कर दिए थे। अभी नित्य नए-नए भक्तगण उससे जुड़ भी रहे है। इसका प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है। इस समय मंदिर बंद है लेकिन भक्तगण ऑनलाइन ही लाइव दर्शन व दान कर सकते है।
– दीपिका मेघवाल, सहायक आयुक्त देवस्थान विभाग ऋषभदेव