लौटते वक्त सई पूरे रास्ते यही सोचते रहती है कि कैसे वह इतनी मेहनत से चौहान निवास को छोड़कर निकली थी । इन्हीं रास्तों से होकर वह चौहान निवास से बाहर जाना चाहती थी। और आज वह वापस विराट सर के साथ चौहान निवास में जा रही है । विराट उसके मन की बात को समझ जाता है और उसे समझाता है कि चौहान निवासी ही उसका घर है।
सई विराट को बोलकर गाड़ी रुकवाती है और कार से उतर कर तुरंत उस बच्चे की ओर जाती है जिसे बचाने के चक्कर में उसे चोट लगी होती है । सई उस बच्चे को सही सलामत देख कर खुश होती है।
सई को चक्कर आता है और वह बेहोश होकर गिरने लगती है । इतने में विराट आकर उसे संभाल लेता है। उस बच्चे के मम्मी पापा विराट को कहते हैं कि सई इतनी प्यारी है । जो वह किसी दूसरे बच्चे के लिए इतना कुछ कर सकती है तो। वह आपसे कितना प्यार करती होगी ।विराट सही को गोद में उठाकर कार में ले जाता है।