बड़ी मम्मी ने पत्रलेखा को भी टीका लगाने को कहा।
बड़ी मम्मी ने पत्रलेखा से कहा कि वह सम्राट को तिलक करें । और सम्राट को कहा कि वह भी पत्रलेखा के मांग में सिंदूर भरे। इधर देवयानी सब में प्रसाद बांटने की जिद करती हैं । बड़ी मामी उसे समझाती है कि प्रसाद पत्रलेखा को बांटने दे ।वह खाना बांट दे।
सब खाने के लिए डायनिंग टेबल पर बैठते हैं
पूरा चौहान परिवार खाना खाने के लिए डाइनिंग टेबल पर बैठता है। करिश्मा कहती है कि अब तक पूरा परिवार कहां आया है। सई भाभी तो आई नहीं । इस पर पत्रलेखा कहती है कि वह उसे बुलाने नहीं जा रही । सई को आना होगा तो आएगी। नहीं आना होगा तो नहीं आएगी सम्राट सबसे कहता है कि सई इस घर की सबसे छोटी सदस्य है। क्या हुआ अगर उसने थोड़ा बहुत जिद कर ही लिया तो हम उसे थोड़ा प्यार तो दे सकते हैं।
सई अपने पुरानी अच्छी बातों को याद करके घर से चली जाती है।
इधर सई अपनी अच्छी यादें जो उसने च्वाहन निवास में बिताई होती हैं । उन्हें याद करके घर से विदा हो जाती है।