बाबू जी को फैसला बदलने पर अनुपमा किया मजबूर
बाबू जी सबको कहते हैं कि कोई कहीं नहीं जाएगा। काव्या अनुपमा से कहती है कि उसने पाखी से उसकी फैमिली भी छीन ली है। काव्या पाखी को कहती है कि वो उसके साथ है। पाखी अनुपमा को कहती है कि सब उसकी वजह से हुआ है और वो उससे नफरत करती है। अनुपमा गेट खटखटाती है, लेकिन बाबू जी दरवाज़ा नहीं खोलते हैं। खिड़की पर खड़ी अनुपमा बाबू जी को कहती है कि बचपन में बच्चों को कहते थे ना कि डोर ज्यादा तेज से खींच दें तो टूट जाएगी।
अनुपमा कहती है कि पाखी को फिर कभी सबक सीखा देंगे। आज उसके लिए बड़ा दिन है। वनराज भी बाबू जी को कहता है कि वो सबको जाने दें। बाबू जी कहते हैं कि समर नंदनी अनुपमा की मदद के लिए जाना चाहते हैं, तो जाएं। वनराज अपनी बेटी की डांस परफॉर्मेंस देखना चाहता है तो वो जाए। लेकिन और कोई नहीं जाएगा।
पाखी को इग्नोर कर रही है काव्या
वहीं दूसरी ओर काव्या पाखी को भड़काते हुए कहती है कि बाबू जी भी हद करते हैं। ये क्या बात हुई है कि अगर तुम अनुपमा से माफी नहीं मनोगी तो पूरा परिवार बॉयकोट तक देगा तुम्हें। पाखी कहती है कि बाबू जी का फैसला है। कोई भी नहीं तोड़ेगा। काव्या कहती है कि वो इन सब बातों पर ध्यान ना दें। अपनी परफॉर्मेंस पर ध्यान दें। तभी काव्या को एक फोन आता है। नेटवर्क ना होने की वजह से वो पाखी से कहती है कि वो एक फोन करके आती है। पाखी कहती है कि उसके बाल और मेकपअ। काव्या कहती है कि पहले वो डांस वाली ड्रेस पहन ले।
अनुपमा अपने डांस वाले बच्चों के पास जाती है। जहां बच्चे बताते है कि उन्होंने उनके आने से पहले डांस का अभ्यास कर लिया था। ये सुनकर अनुपमा खुश हो जाती है। समर भी बच्चों में जोश भर देता है। तभी अनुमपा समर को कहता है कि वो पाखी को देखकर आए। समर को देख पाखी काफी खुश हो जाती है। वो कहती है कि वो जानती थी कि पूरा परिवार आएगा। समर कहता है कि वो नऔर नंदनी ही आएं हैं।
तभी काव्या आती है और कहती है कि अनुपमा चाहती तो बाबू जी को माना सकती है। जब वो तोषो के लिए लड़ सकती है और समर और नंदनी की शादी के लिए सबको मना सकती है। तो आज भी सबको मनाकर ला सकती थी। लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। समर काव्या की बात सुनता है और पाखी को ऑल द बेस्ट कहकर निकल जाता है।
काव्या की बातों से उदास पाखी
काव्या पाखी से कहती है कि वो अपना मूड ना खराब करें। पाखी काव्या से कहती है कि ड्रेस बदलने का टाइम नहीं है। जैस हैं वैसे ही पहन लो। काव्या पाखी को बताती है कि उसे मेकअप करने में 40 मिनट लगते हैं। ये सुनकर पाखी उदास हो जाते हैं।
अनुपमा ने बच्चों को किया तैयार
अनुपमा अपने बच्चों को तैयार करती है। समर बताता है कि कैसे पहले बच्चों को काजल लगाया जाता था। वहीं लिपिस्टिक को भर-भर कर लगाई जाती थी। समर बताता है कि कैसे अनुपमा मां ने उन्हें ब्राउन टी-शर्ट पहनाकर पत्ते लगा दिए थे और उन्हें पेड़ बनाया था। सभी खूब हंसते हैं। अनुपमा अपने बच्चों का पूरा ध्यान रखती है। वो उन्हें खाना खिला देती है। बच्चों को खाना खिलाते हुए स्वीटी देख लेती है। अनुपमा को एहसास होता है कि उनके पास अभी पाखी थी। तभी अनुपमा समर से कहती है कि वो बच्चों को खाना खिलाने के बाद स्वीटी के पास चला जाए।
अनुपमा का बदला अंदाज
अनुपमा तैयार होकर आती है। अनुपमा को सूट में देख बच्चे, समर और नंदनी सभी हैरान हो जाते हैं। सब कहते हैं कि अनुपमा बेहद ही खूबसूरत लग रही है। अनुपमा संग सभी फोटो क्लिक करते हैं। तभी अनुपमा छुपके काव्या और पाखी को देखने जाती है। वो देखती है कि काव्या अपने ही मेकअप में लगी हुई है और पाखी मेकअप लगाने में स्ट्रगल कर रही है। अनुपमा को समर और नंदनी देख लेते हैं। अनुपमा दोनों से पाखी मदद करने को कहती है, लेकिन दोनों ही मना कर देते हैं।
अनुपमा ने किया पाखी को तैयार
पाखी के कमरे में एक मैडम जाती है। वो पाखी से पूछती है कि उसे कोई हेल्प चाहिए। पाखी कहती है कि हां मेकअप में। मैडम पाखी का आई मेकअप करती है। वो उसकी आंखों में लाइनर लगाती है और कुछ देर तक ना खोलने को कहती है। तभी अनुपमा आती है और पाखी के बाल बनाने लगती है। वो पाखी को तैयार कर देती है। एक दम से काव्या रूम आ जाती है, लेकिन इससे पहले अनुपमा छुप जाती है। अनुपमा कहती है कि अच्छा हुआ उसने काव्या को आते हुए देख लिया था। काव्या मैडम और पाखी को तैयार देख गुस्सा हो जाती है। वो मैडम को थैंक्यू कहती है और जानें को कहती है।
काव्या से पाखी ने मांगी माफी
मैडम के जाते ही काव्या पाखी पर चिल्लाने लगती है। काव्या कहती है कि जब उसे दूसरों से ही मदद लेनी थी तो वो उसे साथ में क्यों लेकर आई। काव्या कहती है कि लोगों को लगेगा कि वो उसका ठीक से ध्यान नहीं रख पा रही है। तभी काव्या पाखी से सॉरी बोलने को कहती है। ये सुनकर अनुपमा को घर की याद आ जाती है जब बाबू जी पाखी से सॉरी बोलने को कहते हैं। पाखी काव्या से माफी मांगती है।
( Precap– पहला परफॉर्मेंस अनुपमा और उसके बच्चों का होता है। अनुपमा स्टेज पर जाती है और थोड़ी सी घबराई हुई होती है। तभी बाबू जी की आवाज़ उसके कानों में पड़ती है। अनुपमा देखती है कि उनका पूरा परिवार आया हुआ है। ये देख अनुपमा खुश हो जाती है और बच्चों के साथ अपना परफॉर्मेंस देती है। )