अनुपमा बनी दोषी
काव्या अनुपमा के पास आती है और कहती है कि इस बार उससे नहीं हो पाएगा। वो कहती है कि इस बार वो तो डूबेगी ही लेकिन वो और वनराज नहीं डूबेगा। बॉ भी अनुपमा से कहती है कि बेशक उसने जानबूझकर नहीं किया, लेकिन उसने पूरे परिवार को बर्बाद कर दिया। अनुपमा के कानों में वनराज की आवाज़ सुनाई देती है कि उसने पूरे परिवार को बर्बाद कर दिया है। अनुपमा फूट-फूटकर रोती है कि उसकी ही गलती है। उसे ही ठीक करना होगा। तोषो, किंचल, समर और नंदनी अनुपमा को हिम्मत देते हैं कि वो सब उसके साथ हैं।
समर ने संभाला मां अनुपमा को
अनुपमा बेटे समर से कहती है कि सबकुछ ठीक करना होगा। समर अपनी मां को याद दिलाता है कि कैसे मेले में उसका हाथ छूट गया था। कुछ वक्त तक वो जब मिला नहीं था। तो वो रोने लगी थीं। तब उसे समझ नहीं आया था कि वो रो क्यों रही हैं। लेकिन आज उसे एहसास हो रहा है कि वो क्यों रो रही थीं। समर कहता है कि काश वो उस वक्त उनके साथ होता तो आज ऐसा नहीं होता। समर अनुपमा से कहता है कि वो कोई ना कोई रास्ता ढूंढ ही लेंगे।
वनराज करेगा अनुपमा की मदद
वहीं काव्या वनराज से कहती है कि अच्छा है उसने लोन के पैसों की भरपाई के लिए हां नहीं कहा, अब अनुपमा को ही 20 लाख चुकाने दो। वनराज काव्या को कहता है कि उसने गुस्से में बाहर पता नहीं क्या कुछ बोल दिया, लेकिन असल में लोन का बोझ उसने उठाया था। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि इस बात की जिम्मेदारी भी वो उठाए। काव्या वनराज को कहता है कि वो ठंडे दिमाग से नहीं बल्कि गुस्से में ही सोचे क्योंकि वो तभी ठीक सोचता है।
वहीं दूसरी तोषो फिर से अपनी मां अनुपमा को कोसने लगता है। तोषो कहता है कि जब उन्हें इन सब बातों की समझ ही नहीं थी। तो क्यों ऐसा किया। किंचल तोषो को समझाती है कि अब क्यों ताने दे रहा है। तोषो कहता है कि इस वक्त भी वो उन्हें सपोर्ट कर रही है। तोषो कहता है कि जब वो गलती करता है तो उसे ही सुनना पड़ता है। समर के ऊपर भी तोषो अपना गुस्सा उतारता है। तोषो कहता है कि मम्मी पढ़ी-लिखी नहीं है,लेकिन समर तो है। किंचल तोषो को कहती है कि इस वक्त सभी मम्मी को कोस रहे हैं, लेकिन जब पैसे आ जाते तब उन्हें को नहीं सराहता। किंचल तोषो को वापस पैंट हाउस जानें की बात कहती है।
काव्या वनराज से पूछती है कि अकेले जिम्मेदारी नहीं उठाएगी इसका क्या मतलब है? वनराज कहता है कि अनुपमा चाहती तो वो 10 लाख का लोन ले सकती थी। लेकिन उसने उसके बारें में भी सोचा। कहीं ना कहीं उसको भी उस वक्त अनुपमा के पास होना चाहिए था। वनराज काव्या को साफ शब्दों में कहता है कि अनुपमा दोस्त के तौर पर उसके साथ हर मुसीबत में खड़ी रही है। ऐसे में अब वो उसे अकेला नहीं छोड़ सकता है। काव्या वनराज पर खूब भड़कती है और उसके नाम की माला जपने को कहती है।
समर अनुपमा को संभलता है। अनुपमा को हिम्मत दिलाने के लिए समर उसे एक कहानी सुनाता है कि कैसे एक बेबी मच्छर बाहर से घर आने पर अपने माता-पिता को बताता था कि कैसे लोग उसके लिए तालियां बजाते थे। समर कहता है कि उस मच्छर के माता-पिता जानते थे कि असली वजह क्या है। समर कहता है कि अब हमें फैसला लेना है कि कैसे इस मुसीबत से निपटना है। अनुपमा कहती है कि उसकी बातें कान सुन रहे हैं, लेकिन दिल तक आवाज़ नहीं जा रही है। समर अनुपमा को कहता है कि उसे हिम्मत करके फिर से फाइट करनी होगी।
बॉ को पड़ा पैनिक अटैक
बॉ 40 लाख की बात से बहुत परेशान हो जाती है। वो सोचती है कि बाबू जी को बता दें लेकिन वो डर जाती है कि ये सुनकर कहीं उनकी तबीयत नहीं खराब हो जाए। किंचल बॉ के पास आती है। बॉ बहुत घबरा जाती है। बॉ किंचल को कहती है कि क्या वो अपनी किडनी बेच सकती है। बॉ किंचल को अस्पाल फोन लगाने को कहती है। किंचल को बॉ को संभलाती है। किंचल जा रही होती है तभी काव्या मिल जाती है। किंचल काव्या को कहती है कि वो पापा को बॉ के पास भेज दे। वो शॉक नहीं झेल पा रही है। काव्या कहती है कि कहीं बॉ को हार्ट अटैक ना आ जाए।
बॉ की तबीयत खराब देख घबराई अनुपमा
नंदनी समर को फोन मिला रही होती है। तभी समर नंदनी के पास आता है। वो बताता है कि अनुपमा परेशान है। समर कहता है कि वो नहीं जानता है कि कैसे बॉ और बाबू जी इस को झेल पाएंगे। बॉ की बहुत तबीयत खराब हो जाती है। बॉ बताती है कि बाबू जी का फोन आया था और वो बहुत खुश होकर बता रहे थे कि 1 लाख रुपए मिल गए हैं। बॉ की हालत देख अनुपमा डर जाती है। तभी काव्या अनुपमा को 40 लाख के लिए खूब खरी खोटी सुनाती है।
किंचल ने लगाई काव्या को फटकार
अनुपमा को सुनाने के बाद काव्या किचन में किंचल के पास जाकर अनुपमा की बुराई करती है। काव्या कहती है कि कैसे अनुपमा ने ये मुसीबत खड़ी कर दी। किंचल काव्या को डांट लगाती है और कहती है कि इस वक्त उसे बॉ और बाबू जी को संभालना चाहिए लेकिन वो सबकी बुराई की जा रही है। किंचल काव्या को कहती है कि अगर वो मदद नहीं कर सकती तो अपने कमरे में जाए और सो जाए।
परेशानी में घर से बाहर निकली अनुपमा
समर नदंनी के सामने रोते हुए अनुपमा के हाल का जिक्र कर ही रहा होता कि तभी अनुपमा घबराहट में घर से बाहर निकल जाती है। घर से निकलते हुए उसके दिमाग में काव्या, वनराज, तोषो और बॉ की बातें गूंज रही होती है। अचानक से लाइट चली जाती है और अनुपमा घर से बाहर निकल जाती है। समर अनुपमा के कमरे में आता है और गेट से कमरे में देखता है। समर को लगता है कि मां सो गई है। किंचल आती और पूछती है कि मम्मी है। समर बताता है कि वो सो गई है। समर और किंचल फैसला लेता है कि जब तक अभी उन्हें परिवार को संभलाना होगा।
मदद के लिए पहुंची अनुपमा इस शख्स के घर
परेशानियों में डूबी अनुपमा एक पार्क में जाकर बैठ जाती है। अनुपमा कान्हा जी को याद करती और चारों और अंधेरा होने की बात कहती है। तभी लाइट जलती है और फिर अनुपमा को कुछ दिखाई देता है। अनुपमा भागती है और एक घर का दरवाज़ा जोरों से पीटने लगती है। तभी उस घर से राखी दवे बाहर आती हैं। अनुपमा सहमी परेशान राखी दवे से जरूरी बात करने को कहती है।
( Precap– राखी दवे के पास पहुंची अनुपमा झोली फैलाकर पैसों की भीख मांगती है। राखी दवे कहती है कि वो 40 लाख तक दे देगी लेकिन उसके बदले में उसे क्या मिलेगा। अनुपमा पैसे लेने से पहले राखी दवे की शर्त जानना चाहती है।)