ग्रामीण हीरालाल बैरवा, करतार बैरवा, गोपाल लाल बैरवा सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि ढाणी में पेयजल के लिए केवल एक हैण्डपम्प है। वह हैण्डपम्प भी पिछले दस दिन से खराब है।उन्होंने बताया कि पेयजल के लिए एक किलोमीटर दूर से पैदल चलकर तुंदेड़ा गांव से पानी लाना पड़ता है।
पेयजल के लिए अन्य कोई साधन नहीं है। ग्रामीणों ने खराब हैण्डपम्प को दुरुस्त करने के लिए जलदाय विभाग के कर्मचारियों को अवगत करवाया था, लेकिन जलदाय विभाग के कर्मचारी अपनी रस्म अदायगी से बाज नहीं आ रहे है, जिसके कारण पेयजल की समस्या बनी हुई है।
लोगों ने बताया कि अभी तक बीसलपुर परियोजना से पेयजल की सुविधा भी मुहैया नहीं हुई है। ग्रामीणों की पेयजल की समस्या को लेकर राजस्थान सम्पर्क पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करवाई थी।अभी तक पेयजल की समस्या का कोई समाधान नहीं हो पाया है।ग्रामीणों ने पेयजल की समस्या का समाधान करने की मांग की है।
विद्यालय की भूमि से अतिक्रमण हटाने की मांग
पलाई. नैनवां. गंभीरा ग्राम पंचायत के मीणा के झोपड़ा गांव के प्राथमिक विद्यालय की भूमि से अतिक्रमण हटाने की मांग को लेकर मंगलवार सुबह ग्रामीणों ने एनएच 148 डी पर कासपुरिया गांव पहुंचकर चक्काजाम कर दिया।पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के समझाने के बाद भी ग्रामीण जाम हटाने को तैयार नहीं हुए, तो पुलिस व प्रशासन ने विरोध कर रहे लोगों को हल्का बल प्रयोग कर खदेडकऱ कर जाम हटवाया।
बाद में तीन महिलाओं गीताबाई, कालीबाई, धोलीबाई व पांच पुरुषों पप्पूलाल, मस्तराम, श्योदान, शंकरलाल व राहुल को शांतिभंग में गिरफ्तार किया। ग्रामीणों ने साढ़े दस बजे पहले बिलायती बबूलों की टहनियां डालकर जाम किया। उसके बाद हाइवे पर ही टेंट लगाकर सडक़ पर धरना देकर बैठ गए।
जाम की सूचना मिलते ही नैनवां थानाधिकारी बृजभानसिंह मय जाप्ता मौके पर पहुंचे व ग्रामीणों को समझाया, लेकिन ग्रामीण अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू करने केे बाद ही जाम हटाने की बात पर अड़े रहे। आएसी व करवर थाने का पुलिस जाप्ता भी मौके पर पहुंचा।
दोपहर साढ़े 12 बजे उपखंड अधिकारी श्योराम व पुलिस उपाधीक्षक कैलाशंचद जाट पहुंचे। एसडीओ ने ग्रामीणों से बरसात के बाद अतिक्रमण हटाने की बात कही, लेकिन ग्रामीण नहीं माने तो पुलिस जाप्ते ने ग्रामीणों को हटाना शुरू कर दिया। पुलिस ने टैंट खोलकर जब्त कर लिया व आवागमन शुरू करवाया।