कांग्रेस में मंथन
वहीं, कांग्रेस में अभी इस सीट पर प्रत्याशी चयन को लेकर मंथन जारी है। एआईसीसी पर्यवेक्षक पूनम पासवान भी रविवार को जिले के दौरे पर आएगी और कांग्रेस नेताओं के साथ रायशुमारी करेगी। इसके बाद वे अपनी रिपोर्ट एआईसीसी को भेजेगी। इस रिपोर्ट और अन्य नेताओं के साथ मंथन करके ही कांग्रेस के प्रत्याशी की घोषणा की जाएगी। कांग्रेस में कई नेता अपनी दावेदारी जता रहे है।
कार्यकर्ताओं ने मनाई खुशी
राजेन्द्र गुर्जर को टिकट मिलने के बाद कार्यकर्ताओं ने खुशी मनाई। कई जगह आतिशबाजी भी की गई। इसके साथ ही देवली-उनियारा से प्रत्याशी बनाए गए राजेन्द्र गुर्जर के पास लोगों के फोन आने शुरू हो गए। यह हैं कुल मतदाता
देवली-उनियारा में कुल मतदाता तीन लाख 2 हजार 721 मतदाता है। कुल 307 मतदान केन्द्र है। गत विधानसभा चुनाव में देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर 2 लाख 18 हजार 362 मतदाताओं ने वोट किया था। इनका मतदान प्रतिशत 73.57 रहा था। गौरतलब है कि देवली-उनियारा सीट पर दूसरी बार विधायक चुने गए हरीश मीना को कांग्रेस ने गत लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया था। इसमें उन्होंने जीत दर्ज की थी। मीना ने सीट खाली कर दी थी, जिसके चलते अब उपचुनाव कराए जा रहे हैं।
चुनाव हारे तो नहीं मिला था टिकट
राजेन्द्र गुर्जर को पहली बार 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा से टिकट मिला था। तब उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता माने जाने वाले तथा तब विधानसभा उपाध्यक्ष रहे रामनारायन मीना को हराया था। वर्ष 2013 के चुनाव में भाजपा के राजेन्द्र गुर्जर को 85228 मत मिले थे। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी रामनारायण मीना को 55593 मत मिले थे। उस चुनाव में पांच प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। तब जीत कर पहली बार राजेन्द्र गुर्जर विधान सभा पहुंचे थे। वर्ष 2018 में भाजपा ने फिर से राजेन्द्र गुर्जर को देवली-उनियारा सीट पर प्रत्याशी बनाया। तब उनके सामने दौसा से सांसद तथा भाजपा से कांग्रेस में आए हरीश मीना थे। चुनाव में हरीशचंद मीना को 95540 तथा राजेन्द्र गुर्जर को 74064 मिले थे। वर्ष 2018 के चुनाव में 10 प्रत्याशी थे। पिछले चुनाव यानी 2023 में भाजपा ने देवली-उनियारा सीट पर राजेन्द्र गुर्जर को टिकट नहीं दिया। उनकी जगह विजय बैंसला को प्रत्याशी बनाया गया। जिसे कांग्रेस प्रत्याशी ने हराया था।