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तीन माह से बंद गहलोद-टोंक मार्ग हुआ शुरू, बीसलपुर बांध के पानी से क्षतिग्रस्त हुई बनास में रपट की मरम्मत कर रास्ता किया चालू

Traffic started on Banas’s rapat: बीसलपुर बांध से छोड़े गए पानी के बाद क्षतिग्रस्त हुए रपटे की मरम्मत के बाद तीन माह से बंद गहलोद-टोंक मार्ग पर फिर से आववागमन शुरू हो गया है।

टोंकNov 22, 2019 / 12:56 pm

pawan sharma

तीन माह से बंद गहलोद-टोंक मार्ग हुआ शुरू, बीसलपुर बांध के पानी से क्षतिग्रस्त हुई बनास में रपट की मरम्मत कर रास्ता किया चालू

तीन माह से बंद गहलोद-टोंक मार्ग हुआ शुरू, बीसलपुर बांध के पानी से क्षतिग्रस्त हुई बनास में रपट की मरम्मत कर रास्ता किया चालू

पीपलू (रा.क.). पीपलू तहसील के आवागमन का मुख्य आधार एवं विकास की मुख्य धुरी गहलोद-टोंक मार्ग आखिरकार तीन माह से अधिक अंतराल के बाद फिर से सुचारु हुआ है। सार्वजनिक निर्माण विभाग ने बीसलपुर बांध से छोड़े गए पानी के बाद क्षतिग्रस्त हुए रपटे की मरम्मत कराते हुए प्रथम दृष्टया रास्ता चालू किया है साथ ही अभी रपटे पर कार्य प्रगति पर है।
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बनास नदी के जल ग्रहण क्षेत्र में हुई बारिश तथा बीसलपुर बांध का ओवरफ्लो पानी नदी में छोड़े जाने के बाद से प्रशासन द्वारा यह मार्ग बाधित किया हुआ था। बांध से पानी छोडऩा तो बंद हो गया था लेकिन रपट पूरी तरह से बह गया था तथा यहां से दुपहिया वाहन भी गुजरना मुमकिन नहीं था। इसको लेकर क्षेत्रीय लोगों ने पिछले जिला कलक्टर को पीपलू दौरे के दौरान यह समस्या बताई थी। कलक्टर ने 10 दिन में रास्ता सुचारु करवाने का आश्वासन दिया था और रास्ता चालू भी हो गया है।
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उल्लेखनीय हैं कि पिछले तीन माह से नदी किनारे के सैकड़ों गांव के लोगों को 10 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय की दूरी तय करने के लिए 50-60 किलोमीटर चक्कर लगाकर जिलामुख्यालय आना-जाना पड़ रहा था। कुरेडा के लोकेश मीना ने बताया कि यह मार्ग पीपलू, मालपुरा टोडारायसिंह तहसील के सैकड़ों गांव समेत किशनगढ़, अजमेर, दूदू, सांभर, नरेना को जोडऩे वाला है। इस पर बाधित आवागमन के शुरू होने पर क्षेत्र के ग्रामीणों को को राहत मिली है।
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साथ ही प्रदेश के अन्य जिलों में आ जाने के लिए भी उन्हें बहुत सहूलियत मिलेगी। इससे समय धन दोनों भी बचेंगे। इस रास्ते से गहलोद, मारखेड़ा, इस्लामपुरा, पासरोटिया, बिशनपुरा, मालीपुरा समेत दर्जनों गांवों के करीब एक हजार से अधिक विद्यार्थियों रोजाना टोंक पढऩे के लिए जाते है, उनके लिए भी परेशानी बनी हुई हैं थी।
साथ ही गहलोद रपटे से रोजाना सैकड़ों किसान अपनी फसल को टोंक कृषि मण्डी में बेचने व अपनी रोजमर्रा की चीजों की खरीददारी के लिए टोंक जाते हैं। वहीं गंभीर घायल, बीमार एवं प्रसूताओं को भी टोंक सआदत अस्पताल में इसी गहलोद रपटे से लाया जाता है। ऐसे में रपट से पानी उतरने के बाद इसको सही करवाए जाने से आवागमन में लोगों को परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी।

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