read more:बीसलपुर बांध की दायीं मुख्य नहर में दौड़ा पानी, 238 गांव व कस्बों की जमीन में होगी सिंचाई बनास नदी के जल ग्रहण क्षेत्र में हुई बारिश तथा बीसलपुर बांध का ओवरफ्लो पानी नदी में छोड़े जाने के बाद से प्रशासन द्वारा यह मार्ग बाधित किया हुआ था। बांध से पानी छोडऩा तो बंद हो गया था लेकिन रपट पूरी तरह से बह गया था तथा यहां से दुपहिया वाहन भी गुजरना मुमकिन नहीं था। इसको लेकर क्षेत्रीय लोगों ने पिछले जिला कलक्टर को पीपलू दौरे के दौरान यह समस्या बताई थी। कलक्टर ने 10 दिन में रास्ता सुचारु करवाने का आश्वासन दिया था और रास्ता चालू भी हो गया है।
read more:Municipal elections 2019: नगर परिषद टोंक सभापति के लिए भाजपा से लक्ष्मी जैन व कांग्रेस से अली अहमद ने किया नामांकन पेश उल्लेखनीय हैं कि पिछले तीन माह से नदी किनारे के सैकड़ों गांव के लोगों को 10 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय की दूरी तय करने के लिए 50-60 किलोमीटर चक्कर लगाकर जिलामुख्यालय आना-जाना पड़ रहा था। कुरेडा के लोकेश मीना ने बताया कि यह मार्ग पीपलू, मालपुरा टोडारायसिंह तहसील के सैकड़ों गांव समेत किशनगढ़, अजमेर, दूदू, सांभर, नरेना को जोडऩे वाला है। इस पर बाधित आवागमन के शुरू होने पर क्षेत्र के ग्रामीणों को को राहत मिली है।
read more:पुलिस विभाग की अनदेखी एवं लापरवाही की खुली पोल, बीट प्रभारी व अधिकारी बदले, सूचना पट्ट पर नहीं बदले नाम साथ ही प्रदेश के अन्य जिलों में आ जाने के लिए भी उन्हें बहुत सहूलियत मिलेगी। इससे समय धन दोनों भी बचेंगे। इस रास्ते से गहलोद, मारखेड़ा, इस्लामपुरा, पासरोटिया, बिशनपुरा, मालीपुरा समेत दर्जनों गांवों के करीब एक हजार से अधिक विद्यार्थियों रोजाना टोंक पढऩे के लिए जाते है, उनके लिए भी परेशानी बनी हुई हैं थी।
साथ ही गहलोद रपटे से रोजाना सैकड़ों किसान अपनी फसल को टोंक कृषि मण्डी में बेचने व अपनी रोजमर्रा की चीजों की खरीददारी के लिए टोंक जाते हैं। वहीं गंभीर घायल, बीमार एवं प्रसूताओं को भी टोंक सआदत अस्पताल में इसी गहलोद रपटे से लाया जाता है। ऐसे में रपट से पानी उतरने के बाद इसको सही करवाए जाने से आवागमन में लोगों को परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी।