SDM Assault Case: टोंक के समरावता गांव में हुए थप्पड़ कांड के बाद गिरफ्तार निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना को कोर्ट ने 14 दिन के न्यायिक अभिरक्षा में भेजा है। अतिरित पुलिस अधीक्षक ने मुंसिफ मजिस्ट्रेट निवाई अंजली सिंह के समक्ष गिरफ्तार आरोपी नरेश मीना को जेल भेजने के आदेश मांगे। नरेश मीना के वकील सीताराम शर्मा सहित दर्जन भर वकीलों ने मुंसिफ मजिस्ट्रेट को बताया कि नरेश मीना को फिजिकल रूप से पेश क्यों नहीं किया गया? इस पर मजिस्ट्रेट ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक से जवाब मांगा।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने मजिस्ट्रेट को कानून व्यवस्था और सुरक्षा हवाला देते हुए फिजिकल रूप से पेश नहीं कर वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेश करना बताया। इस दौरान वकीलों ने मजिस्ट्रेट के समक्ष गिरफ्तार नरेश मीना से परिजनों और वकीलों को नहीं मिलने की भी बात कही। हर 24 घंटे में नरेश मीना का मेडिकल करवाने के आदेश की गुजारिश की।
दोनों पक्षों की दलीलों पर मुंसिफ मजिस्ट्रेट ने गिरफ्तार नरेश मीना को 14 दिन के लिए जेल भेजने के आदेश दिए। एसडीएम के थप्पड़ मारने के आरोप में गिरफ्तार नरेश मीना के वकील ने मीडिया को बताया कि नरेश को गुरुवार सुबह 11 बजे गिरफ्तार किया था, लेकिन पुलिस ने शुक्रवार शाम पौने चार बजे बाद वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मुंसिफ मजिस्ट्रेट निवाई के समक्ष पेश किया है। वकील ने नरेश को पुलिस द्वारा टॉर्चर और मारपीट करने के भी आरोप लगाए।
वकील सीताराम शर्मा ने बताया कि पुलिस को बार-बार पूछने पर भी यह नहीं बता रही है कि नरेश मीना को कहां ले जाया गया है। परिजनों व वकीलों से भी नहीं मिलने दिया जा रहा है। जबकि कानून में परिजनों और वकील को मिलने का अधिकार है।