जाट समाज] जो इस मामले में प्रमुख विरोधी के रूप में उभरा है– ने न केवल नरेश मीणा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है] बल्कि यह भी कहा है कि मीणा को आजीवन चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। जाट समाज के नेताओं का कहना है कि ऐसे व्यक्तियों को लोकतांत्रिक संस्थाओं का हिस्सा बनने का कोई अधिकार नहीं होना चाहिए] जो सार्वजनिक रूप से अधिकारियों के साथ इस प्रकार का व्यवहार करें। उनका यह भी मानना है कि इस घटना से लोकतंत्र की गरिमा को ठेस पहुंची है और इससे समाज में नकारात्मक संदेश जाता है।
इस विवाद के बाद] >qa>quwa ftys ds जाट समाज ने सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम भी दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर सरकार इस मामले में जल्द और कठोर कार्रवाई नहीं करती है, तो वे सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। जाट समाज के नेताओं ने मांग की है कि नरेश मीणा के खिलाफ कानून के तहत कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
वहीं] नरेश मीणा को शुक्रवार 15 नवंबर को कोर्ट में पेश किया गया था] जहां उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। कोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए नरेश मीणा को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश करने का आदेश दिया Fkk। अब नरेश मीणा को टोंक जिला जेल में शिफ्ट कर दिया गया है और पुलिस बल की तैनाती भी की गई है ताकि किसी भी प्रकार की हिंसा या उपद्रव को रोका जा सके। यह मामला न केवल स्थानीय राजनीति के लिए महत्वपूर्ण है] बल्कि राज्य में प्रशासनिक व्यवस्था और कानून के राज पर भी कई सवाल खड़े करता है।