गर्मी की छुटिट्यों के बाद विद्यार्थी रोजाना पढऩे के लिए विद्यालय जा रहे है, लेकिन पुस्तकों के अभाव में महज रजिस्टर में उपस्थिति दर्ज करवाकर वापस लौट रहे है। साथ ही विद्यालयों के अध्यापक भी पुस्तकों के अभाव में ठाले बैठे रहकर समय गुजार रहे है।
विद्यालय के अध्यापकों ने बताया कि पूर्व में विभाग की ओर से लगभग 25 प्रतिशत किताबें तो दी जा चुकी है, लेकिन 75 प्रतिशत किताबें अभी आनी बाकी है। किताबों के अभाव में अध्यापक छात्रों को बिना किताबों के अन्य ज्ञान देकर कुछ समय पढ़ाते है। उसके बाद घर भेज देते है। वहीं विद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया आदि के कार्य करते रहते है।
इनका कहना है- किताबें तीन चरणों में वितरित करनी थी। प्रथम चरण के तहत तो वितरित कर दी गई है। वहीं शेष किताबे अगले दो दिवस में सभी विद्यालयों में पहुंचा दी जाएगी।
राजीव शर्मा, अतिरिक्तमुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, देवली।
पायलट प्रोजेक्ट के लिए टोंक ब्लॉक में हाडीकलां का हुआ चयन
रानोली कठमाणा. कृषि विभाग द्वारा मृदा की सेहत सुधारने के लिए जिले के हर गांव का मृदा उवर्रकता मानचित्र तैयार कराने की योजना बना रहा है। विभाग का दावा है कि इससे किसान को भी काफी फायदा होगा। फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर जिले के हर ब्लॉक से एक गांव का चयन कर इस योजना को शुरू किया गया हैं।
टोंक ब्लॉक हाडीकलां पंचायत के ककराजकलां गांव का चयन किया गया हैं। विभाग इस गांव के प्रत्येक ग्रामीण के खेत की मृदा के नमूने लेकर मृदा उर्वरकता मानचित्र तैयार करेगा। इसमें सभी किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड भी उपलब्ध कराया जाएगा।
आर एम 0507 सीबी-राजमहल। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में किताबों के अभाव बैठी छात्राएं।