पास लोग जान जोखिम में डालकर अपने वाहनों सहित नाव से नदी पार कर रहे हैं। वहीं चौपहिया वाहनों के आवागमन दोनों तरफ से बंद है। बनास नदी की रपट पर पुलिस ने दोनों तरफ लोहे की जंजीरें लगाकर मार्ग बंद कर रखा है जिससे हादसे से बचा जा सके। बीसलपुर बांध के गेट खुलने से निकला पानी राजमहल, छान, पालड़ा, टोंक, गहलोद, जेबाडिय़ा, भांची, देवली, मण्डावर होता हुआ सवाई माधोपुर की सीमा में प्रवेश करता है। सवाई माधोपुर के खण्डार में उक्त पानी चम्बल में मिलता है।
वहीं निवाई पीपलू विधायक सभा में क्षेत्र स्थित माशी डेम की मंगलवार की सुबह 5 बजे चादर चलने से लोगों में खुशी लहर दौड़ गई। जैसे ही आसपास के गांव के लोगों की जानकारी मिलते ही सैकड़ों ग्रामीण माशी बांध की चादर देखने पहुंच गए। मौके पर उपस्थित ग्रामीणों ने मंगलवार की सुबह चादर के नीचे बहते पानी में नारियल फोड़ा और गुड़ बांटकर खुशियां मनाई। यह जानकारी देते सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता अशोक जैन ने बताया कि माशी बांध की वर्ष 2011 के बाद मंगलवार की सुबह पांच बजे चादर चली हैं। वर्तमान में बारिश नहीं होने से बांध में पानी आवक धीरे हैं। जैन बताया कि माशी बांध की भराव क्षमता 48.13 एमसीयूएम हैं। जिसमें से सिंचाई के लिए 35.11 एमसीयूएम और 13.02 एमसीयूएम निवाई क्षेत्र में पीने पानी की सप्लाई के काम आता हैं। उन्होंने यह भी बताया कि माशी बांध का सिंचाई कल्चरल कमांड एरिया 6.85 हैक्टेयर हैं।और बांध के केनाल की लम्बाई 42.18 किलोमीटर हैं। माशी बांध के भर जाने से पीपलू तहसील के 29 गांव की 28000 बीघा जमीन सिंचित भी हो सकेंगी।
बीसलपुर बांध के पूर्ण भराव बाद कैचमेंट एरिया व बांध किनारे दर्जनों गांवों की हजारों बीघा खेतों में खड़ी फसलें पानी में डूब गई। वहीं पानी का फैलाव बढऩे से बांध किनारे टोडारायसिंह क्षेत्र के थड़ोला, पंचमुखी कॉलोनी, शम्भूनगर, लाडपुरा, प्रधाननगर, सुरजपुरा, थडोली, सुरजपुरा, भासू, रामसिंहपुरा, भगवानपुरा, टोपा कालोनी, दाबड़दुम्बा की आंशिक डूब में आए खेतों में पानी भर गया। उल्लेखनीय है कि बीसलपुर बांध सोमवार दोपहर बाद पूर्ण भराव 315.50 आरएल मीटर पर पहुंच गया था। जिसके बाद बांध के गेट खोले गए थे।