पानी आने की उम्मीद, प्रतिदिन 2 से 3 इंच खिसक रहा जलस्तर, जाने क्या है कारण
9 पनडुब्बियों से जल संयंत्र में भेजा जा रहा पानी, पुराना हाइडेंट बंद होने से एक हजार परिवार परेशान टीकमगढ़. भीषण गर्मी से सूखे बरीघाट जल संयंत्र के बाद शहर की एक लाख आबादी पानी के लिए यूपी सरकार की ओर देख रही है। पिछले एक पखवाड़े से यहां पर पत्राचार का खेल खेला जा […]
टीकमगढ़. पनडुब्बी पंप से लिप्ट हो रहा पानी।
9 पनडुब्बियों से जल संयंत्र में भेजा जा रहा पानी, पुराना हाइडेंट बंद होने से एक हजार परिवार परेशान टीकमगढ़. भीषण गर्मी से सूखे बरीघाट जल संयंत्र के बाद शहर की एक लाख आबादी पानी के लिए यूपी सरकार की ओर देख रही है। पिछले एक पखवाड़े से यहां पर पत्राचार का खेल खेला जा रहा है और हर दिन पानी छोड़े जाने के आश्वासन में बीत रहा है। आज फिर से नपा के साथ ही प्रशासन को उम्मीद है कि पानी छोड़े जाने की अनुमति की फाइल पर हस्ताक्षर होकर आदेश आ जाएगा। ऐसे में नपा लगातार सिमटते जा रहे बरीघाट के जलस्रोत में 9 पनडुब्बी की मदद से पानी की व्यवस्था करने में जुटी हुई है।
एक पखवाड़ा पूर्व ही भीषण गर्मी के चलते बरीघाट डेम का पानी 2.5 मीटर सूख जाने के साथ ही जल संकट की आहट आनी शुरू हो गई थी। इसके बाद भी इस पर ध्यान न देने से जलस्तर लगातार तेजी से गिरता गया और सबसे पहले नवीन जलावद्र्धन योजना के संयंत्र ने जवाब दे दिया। इसके बाद तो स्थिति लगातार खराब होती चली गई। जलस्तर तेजी से गिरने के बाद जब नपा की नींद खुली तो प्रशासन के सहयोग से यूपी के जामनी बांध से पानी छोडऩे की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन जामनी बांध में पर्याप्त पानी न होने की बात कह यूपी सरकार ने पानी देने से मना कर दिया और फिर क्योलारी बांध से पानी छोडऩे की जद्दोजहद शुरू हुई। यह जद्दोजहद आज तक जारी है। बताया जा रहा था कि शनिवार को पानी छोड़ दिया जाएगा, लेकिन शाम तक आदेश न आने से पानी नहीं छोड़ गया। इस बीच अब दावा किया जा रहा है कि आज सोमवार को आदेश जारी होते ही पानी छोड़ दिया जाएगा। ऐसे में पूरी उम्मीद है कि आज देर शाम तक बरीघाट में पानी पहुंच जाएगा।
लगातार गिर रहा जलस्तर
वहीं नगर पालिका के जल प्रदाय शाखा के प्रभारी अनिल श्रीवास्तव सोनू ने बताया कि यहां का जलस्तर प्रतिदिन 2 से 3 इंच खिसक रहा है। जल संयंत्र से पानी की व्यवस्था करने के लिए 9 पनडुब्बी लगाकर पानी जल संयंत्र तक पहुंचाया जा रहा है। उनका कहना है कि अभी चार से पांच दिन का पानी बचा है। पानी की परेशानी को लेकर उनका कहना है कि गर्मी के मौसम में सभी पनडुब्बी एक साथ नहीं चल पा रही है। कभी कोई खराब होती है तो गर्मी से किसी की लाइन जल जाती है। ऐसे में लाइन दुरूस्त करने और उसके सुधार में समय लग जाता है। इस कारण लगातार पानी की आपूर्ति नहीं की जा पा रही है।
इधर हाइडेंट बंद
विदित हो कि 2007-2008 में भी इस प्रकार का जलसंकट होने पर नगर पालिका द्वारा कई वार्ड में बोर कराकर हाईटेंट लगाए गए थे। बाद में इनको पाइप लाइन से जोड़ दिया गया था। शिवनगर कॉलोनी में भी हुए बोर में अच्छा पानी निकलने पर इससे पाइप लाइन से जोड़ कर घरों में पानी की सप्लाई की जाने लगी थी। इस बोर से शिवनगर के 1 हजार घरों को नियमित पानी मिलता था। पिछले कुछ समय से यह बोर खराब था। अब पानी की परेशानी होने पर नपा द्वारा इसमें सुधार किया गया, लेकिन पिछले 7 दिनों से इसकी मोटर नहीं डाली गई है। बताया जा रहा है कि यह काम नगर पालिका का कोई कर्मचारी ठेके पर करा रहा है। ऐसे में इस क्षेत्र के लोग परेशान है। यदि यह मोटर डाल कर पानी की सप्लाई की जाती है तो एक हजार परिवारों को राहत मिलेगी।
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